Wednesday, October 23, 2024

Dussehra: एक ऐसा मंदिर जहां रावण के मरने पर नहीं बल्कि पैदा होने पर मनाया जाता है जश्न

लखनऊ। हर साल शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन प्रभु राम ने रावण का वध किया था। इस अवसर पर राम जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही राम जी को प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

जाने मंदिर के बारे में

इस दिन शुभ मुहूर्त में देशभर में रावण दहन किया जाता है, लेकिन देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जहां दशहरा के दिन रावण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इतना ही नहीं रावण का जलाभिषेक भी किया जाता है। आइए जानते है ऐसे मंदिर के बारे में

रावण का जन्मदिन मनाते है

यूपी के कानपुर शहर में एक दशानन नाम का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण साल 1868 में महाराज गुरु प्रसाद ने करवाया था। दशहरा के दिन रावण का जलाभिषेक कर खास श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में रावण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन यहां पर रावण का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया जाता है।

नीलकंठ के दर्शन से सभी दोष दूर

धार्मिक मान्यता है कि जब कोई श्रद्धालु रावण की पूजा करता है और उनके दर्शन के लिए इस मंदिर में आता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। दशहरे के दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी होती हैं। यह मंदिर सालभर बंद रहता है और दशहरा के दिन ही मंदिर के द्वार खोले जाते हैं। मान्यता हैं कि दशहरे के दिन दशानन मंदिर में लंकापति रावण की आरती के दौरान नीलकंठ के दर्शन श्रद्धालुओं को होते हैं तो सभी ग्रहों के दोष दूर हो जाते है।

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