लखनऊ। धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी तिथि पर देवताओं के चिकित्सक धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
धनतेरस के दिन रखें प्रदोष व्रत
इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाता है, जिसमें शाम के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे उसका तीन गुना फल मिलेगा। इस साल धनतेरस पर आपको 1 घंटा 41 मिनट का शुभ मुहूर्त मिलेगा.
धनतेरस के दिन आभूषण खरीदना शुभ
धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, घर, दुकान आदि खरीदते हैं। जिनके पास कम पैसे होते हैं, वे धनिया, झाड़ू, नमक, पीतल के बर्तन आदि खरीदते हैं। लेख में आगे जानें क्या है शुभ मुहूर्त और धनतेरस का महत्व?
पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटा 41 मिनट का शुभ मुहूर्त
आज 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटा 41 मिनट का शुभ मुहूर्त रहेगा. धनतेरस पर पूजा का शुभ समय शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक है. धनतेरस पर प्रदोष काल का समय शाम 5:38 बजे से रात 8:13 बजे तक है। उस दिन वृषभ काल का समय शाम 6:13 बजे से रात 8:27 बजे तक है। यह मुहूर्त देश की राजधानी नई दिल्ली पर आधारित है।
धनतेरस का क्या है महत्व?
धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से धन और समृद्धि बढ़ती है। सुख-समृद्धि बढ़ती है। धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं।