लखनऊ: यूपी में उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी मौका है. वहीं बीजेपी से नाराजगी की खबरों के बीच एनडीए की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी ने बड़ा बयान दिया है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उनकी पार्टी उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों का पूरे दिल से समर्थन करेगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ब्रजेश पाठक भी मौजूद
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संजय निषाद ने कहा कि हम उपचुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि हमें सीट नहीं जीतनी चाहिए. दो सीटें नहीं मिलने पर संजय निषाद ने कहा कि कभी-कभी परिस्थितियों के मुताबिक काम करना पड़ता है.
निषाद ने चुनावी जीत को लेकर क्या कहा?
संजय निषाद ने कहा, ‘मेरी हमेशा से एक विचारधारा रही है कि हमें सीटें नहीं जीतनी चाहिए और हम उस जीत के सहारे समाज को बहुत कुछ दे सकते हैं। उस जीत का नतीजा यह हुआ कि 2017 में मैंने चुनाव लड़ा और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-सपा-बसपा को हटना पड़ा, जो एक इतिहास था. इसके बाद 2018, 2019, 2024 और 24 में भी आपने ऐतिहासिक जीत देखी.’
उपचुनाव को लेकर विपक्षी दलों पर जताया नाराजगी
उन्होंने उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज हम इस उपचुनाव में जीत चाहते हैं. हम खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि विपक्ष के लोग भी हमारे बारे में ट्वीट कर रहे हैं. कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में कह रही है कि हमें सीटें नहीं जीतनी चाहिए. मैं निषादराज का वंशज हूं.
पूरे मन से बीजेपी का समर्थन
बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार का जिक्र करते हुए संजय निषाद ने कहा, ‘योगी जी हमेशा न्याय के लिए आवाज उठाते हैं. हम पूरे दिल से बीजेपी का समर्थन करते हैं।’ निषाद समाज पूरी तरह से बीजेपी के साथ है.
एक-एक कार्यकर्ता बीजेपी को जीत दिलाने का करेगा काम
हमारा एक-एक कार्यकर्ता भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए काम करेगा… वह सिर्फ कमल नहीं है, बल्कि भोजन से भरी थाली भी है।’ इसे देखकर हमारे कार्यकर्ता बटन दबाएंगे और उनकी समस्याओं का समाधान कराएंगे। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाना हमारा मिशन है।
ब्रजेश पाठक की सराहना करते हुए बोले निषाद
‘आपने उपचुनाव में दो सीटें मांगी थीं, लेकिन नहीं मिलीं.’ इस सवाल के जवाब में संजय निषाद ने कहा, ‘मैं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जी को धन्यवाद देता हूं जो समय-समय पर हमारी आवाज दिल्ली तक पहुंचाते रहे हैं. बढ़त हासिल करने के लिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं, इसलिए हमने फैसला किया कि हमें सीट नहीं उपचुनाव में जीत चाहिए।’