लखनऊ। देश में महागठबंधन के दो बड़े दलों कांग्रेस और सपा के रिश्तों में खटास आ चुकी है। अब इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बात नहीं बनी तो अखिलेश यादव एक बार फिर से मध्य प्रदेश में ताल ठोकेंगे। वहीं इस पूरे घटनाक्रम से वाकिफ नेताओं का दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अगर यूपी में कांग्रेस ने किसी तरह की नई शर्त रखी तो हम एमपी में लोकसभा चुनाव के दौरान वही करेंगे जो विधानसभा चुनाव में किया।
सपा की कांग्रेस को चेतावनी
इस बीच सपा की रणनीति के अनुसार, अगर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए कोई नई शर्त रखी तो वह सपा मध्य प्रदेश की उन सीटों पर आक्रामक चुनाव लड़ेगी जिनकी सीमाएं यूपी से सटती हैं। गौरतलब है कि अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा ने एमपी में आक्रामक चुनाव प्रचार किया था। हालांकि सपा की सारी रणनीति चुनावी फैसले पर टिकी हुई है। इस लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर सपा राज्य में इस स्थिति में आती है कि वह कांग्रेस से लोकसभा चुनावों में तोलमोल कर सके तो बिल्कुल करेगी और एमपी में हुए विवाद का बदला भी लेगी।
सपा और कांग्रेस को परिणाम का इंतजार
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव I.N.D.I.A. से ज्यादा PDA पर जोर देते नज़र आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस भी सभी 80 सीटों पर तैयारी की बात कर रही हैं, ऐसे में दोनों दलों के गठबंधन को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। बता दें कि राजस्थान में जयंत भी 4-5 सीटें मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने सिर्फ 1 सीट ही दी। अब चूंकि एमपी में चुनाव बीत गए हैं और राजस्थान नें 25 नवंबर को वोटिंग होनी है। अब इसके बाद सभी को मतगणना का इंतजार है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा का रिश्ता क्या करवट लेगा यह वक्त चुनाव के परिणाम आने पर ही पता चलेगा। हालांकि इस रिश्ते में रालोद की भूमिका भी अहम मानी जा रही है।