लखनऊ। आज लोकसभा चुनाव के तहत छठवें चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। इस बीच चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने पिछले पांच फेज में हुए चुनाव का फाइनल डेटा जारी करते हुए बताया कि इन पांचों फेज में किस लोकसभा क्षेत्र में कितने फीसदी लोगों ने वोट डाला है। इस दौरान चुनाव आयोग की ओर से यह भी कहा गया कि वोट फीसदी को लेकर कुछ गलत नैरेटिव भी फैलाए गए हैं।
गलत नैरेटिव फैलाने वालों को फटकार
इस दौरान चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के उद्देश्य से इस तरह के गलत नैरेटिव फैलाए जाते हैं। ईसीआई के अनुसार, मतदान का डेटा हर चरण के चुनाव के दिन सुबह 9:30 बजे से उनके ऐप के माध्यम से उपलब्ध होता है। चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर वोट पोलिंग प्रतिशत में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया है।
चुनाव आयोग ने जारी किया वोटिंग प्रतिशत
पहला चरण : 66.14 फीसदी
दूसरा चरण: 66.71 फीसदी
तीसरा चरण : 65.68 फीसदी
चौथा चरण : 69.16 फीसदी
पांचवां चरण : 62.20 फीसदी
सुप्रीम कोर्ट के दखल से इनकार
वहीं चुनाव आयोग के मतदान फीसदी का डेटा जारी होने से एक दिन पहले शुक्रवार (24 मई 2024) को एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी। जिसमें कहा गया कि लोकसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्र के आंकड़ों को चुनाव आयोग अपने वेबसाइट पर अपलोड करे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को किसी भी तरह का निर्देश देने से इनकार कर दिया था और कहा कि चुनावी प्रक्रिया में कोर्ट हाथ नहीं डलेगा।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने भी एनजीओ की मांग का विरोध करते हुए तर्क दिया कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और आम चुनावों के बीच चुनावी मशीनरी में अराजकता पैदा होगी।
चुनाव आयोग ने फॉर्म 17सी को लेकर क्या कहा?
इलेक्शन कमीशन ने जानकारी दी कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के एजेंटों के पास फॉर्म 17सी है, जिसमें 543 संसदीय क्षेत्रों के लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्रों में से प्रत्येक पर डाले गए कुल वोटों की संख्या दर्ज है। साथ ही चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि फॉर्म 17सी में दर्ज कुल वोटों की संख्या में बदलाव नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं।
ईसीआई के अनुसार, कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल 1961 के नियम 49 वी (2) के मुताबिक उम्मीदवारों के एजेंटों को हमेशा मतदान केंद्र से लेकर स्ट्रांग रूम तक ईवीएम और फॉर्म 17सी सहित जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ जाने की अनुमति है।