लखनऊ। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज गुरुवार (23 मई) को भाजपा नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने सुल्तानपुर से बीजेपी प्रत्याशी अपनी मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार किया। बता दें कि टिकट कटने के बाद ये पहला मौके है जब वह किसी मंच पर नजर आए। इस दौरान वरुण गांधी काफी भावुक भी दिखे। नुक्कड़ सभा में मंच से जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यहां मैं हमेशा कहता हूं कि हम लोग नेता के नहीं, बल्कि बेटे के रूप में आए हैं।
उन्होंने कहा कि यह हम लोगों की कर्मभूमि है, यह लोग हमारा परिवार हैं और हमको इस मिट्टी से प्यार है। जितने लोग हैं, ये सब परिवार हैं। सबके बच्चे फले-फूलें, सबके सपने पूरे हों, सब लोगों की विजय हो, यही मेरा सपना है। वरुण गांधी ने भावुक होते हुए कहा, जब मैं पहली बार सुल्तानपुर आया था तो मुझे अपने पिताजी की खुशबू मिली थी, लेकिन आज मुझे कहने में गर्व महसूस हो रहा है कि आज मैं अपनी मातृभूमि में आ गया हूं। मैं यहां मौजूद सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि कोई भी संकट में आए, किसी के परिवार में कोई बीमार हो या कोई भी दिक्कत में आए, कोई भी अकेले नहीं होना चाहिए।
अधिकार स्वरूप मेरे से सीधा बात करें- वरुण गांधी
यही नहीं इस दौरान वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने सभा में सभी को अपना मोबाइल नंबर भी दिया। उन्होंंने कहा कि मैं आपको एक सुरक्षा कवच दे रहा हूं। जिनके पास माताजी का नंबर है, वो और भी बड़ा सुरक्षा कवच है, अगर कोई भी दिक्कत आए तो अधिकार स्वरूप मेरे से सीधा बात करें और अपनी समस्या मुझे बताएं। सब लोग जो हमारा परिवार हैं, जो आपके मान-सम्मान से सीधे जुड़ें हैं, उसको आप मजबूत करिए। मेरा भरोसा है कि इस बार आप लोग सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं।
मां के समर्थन में मांगा वोट
वहीं वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने मां मेनका गांधी के समर्थन में वोट मांगते हुए कहा कि पूरे देश में 543 स्थानों पर चुनाव हो रहे हैं। कई जगह बड़े-बड़े अनुभवी और करिश्माई लोग चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, पूरे देश में एक ही ऐसा क्षेत्र है जहां की सांसद को लोग न सांसद जी, मंत्री जी और ना नाम बुलाते हैं, बल्कि, माता जी कहकर बुलाते हैं। मां के अंदर परमात्मा के बराबर शक्ति होती है, पूरी दुनिया साथ छोड़ देती है, लेकिन मां कभी साथ नहीं छोड़ती। आज मैं केवल अपनी मां के लिए समर्थन जुटाने नहीं आया हूं, बल्कि सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन मांगने आया हूं।
वरुण गांधी ने आगे कहा, देश में जब सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है तो प्रथम पंक्ति में मुख्यधारा में सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है। सुल्तानपुर वालों के अंदर काबिलियत, साहस, प्रतिभा और स्वाभिमान की कोई कमी नहीं है। यहां के लिए एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो लोगों को अपना परिवार माने। परिवार का मतलब हर वार (संघर्ष) में जो साथ दे, वो परिवार होता है। हम लोग एक खून के रिश्ते का वायदा करते हैं कि सुल्तानपुर का कोई व्यक्ति कभी अकेला नहीं होगा।
उन्होंने कहा, जैसे पीलीभीत में सबके पास वरुण गांधी का नंबर है, उसी तरह मैंने अपनी मां को देखा है रात के 11-12 बजे किसी का भी फोन आता है तो फोन उठाकर सबकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करती हैं। उनके अंदर न अहंकार है, न उन्होंने किसी का नुकसान किया। यहां बैठे सब लोगों का मेरे परिवार के ऊपर अधिकार है। हमसे कोई अलग नहीं है, सुल्तानपुर के किसी भी एक व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं है, हमारे सामने भी जो चुनाव लड़ रहे हैं, अगर बाद में वो भी बीमार पड़े, तो सबसे पहले हम उनकी मदद करेंगे।