लखनऊ:लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अब समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। शुक्रवार को प्रदेशअध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और जीत की बधाई दी, इस दौरान उनके साथ अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे.उत्तर प्रदेश में इंडिया को […]
लखनऊ:लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अब समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। शुक्रवार को प्रदेशअध्यक्ष अजय राय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और जीत की बधाई दी, इस दौरान उनके साथ अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे.उत्तर प्रदेश में इंडिया को गठबंधन को मिली जीत के बाद सपा और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं. प्रदेश में गठबंधन ने जिस तरह एनडीए को पटकनी दी उससे दोनों दलों के कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ा है. जिसके बाद अजय राय ने दावा किया कि यूपी से बीजेपी को उखाड़ फेंकने के लिए हम विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ेंगे. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी से अपील करेंगे कि वो रायबरेली सीट से अपना प्रतिनिधित्व बरकरार रखें।
यूपी में सपा से गठबंधन में कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 2009 के बाद इस चुनाव में कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा और पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि 2019 में कांग्रेस सिर्फ एक रायबरेली सीट ही जीत पाई थी. अमेठी सीट से भी राहुल गांधी चुनाव हार गए थे. उत्तर प्रदेश में मिली इस जीत के बाद अब कांग्रेस ने यूपी में सपा के साथ गठबंधन जारी रखने का एलान किया और कहा कि विधानसभा चुनाव में भी हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
शुक्रवार को लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर नवनिर्वांचित सांसदों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि राहुल गांधी रायबरेली सीट न छोड़ें। पार्टी का मानना है कि अगर राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से सांसद रहते हैं तो विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही अजय राय जल्द ही दिल्ली जा सकते हैं जहां वो गांधी परिवार से मुलाकात करेंगे.कांग्रेस ने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने की रणनीति तैयारी की है. इसके तहत प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं में धन्यवाद यात्रा निकाली जाएगी. वहीं इस यात्रा में राहुल गांधी के भी रायबरेली पहुंचने की उम्मीद है.
बता दें कि बीजेपी को इंडी गटबंधन ने कांटे की टक्कर दी । बीजेपी ने सहयोगी दल की बदौलत बहुमत के आकड़े के करीब पहुंची वहीं उत्तर प्रदेश में सपा पार्टी ने शानदार प्रर्दशन किया । अखिलेश यादव का सियासी समीकरण बैठ गया । पीडीए के जरिए वोटर्स को लुभाने में वह कामयाब रहे, जब्कि बीजेपी का हिदुत्व कार्ड नहीं चल सका।