लखनऊ। प्रयागराज में महाकुंभ में आज दूसरा अमृत स्नान जारी है। मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए भोर में अखाड़ों के साधु-संत शिविर से निकले थे। भगदड़ की घटना और संगम पर बेकाबू भीड़ होने के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपील की कि वह स्नान के लिए न जाएं।
बसंत पंचमी के दिन करेंगे स्नान
इसके बाद अखाड़े के साधु-संत शिविर में वापस लौट आए। जहां साधु-संतों ने बैठक की। बैठक में तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर डूबकी लगाने नहीं जाएंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि मेला प्रशासन का मेरे पास फोन आया था। मुझसे जुलूस रोकने की अपील की है। मैंने अपने अखाड़े का जुलूस अंदर ही रोक लिया है। सभी 13 अखाड़े, अब 3 फरवरी यानी बसंत पंचमी के दिन स्नान करने जाएंगे।
स्नान के लिए शिविर से निकले थे
13 अखाड़ों में से सबसे पहले बैरागी, संन्यासी और फिर उदासीन अखाड़े को संगम में डूबकी लगानी थी। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के नागा साधु और संत स्नान करने के लिए भोर में सबसे पहले अखाड़े से निकले थे। इनकी स्नान का समय 5 बजे रखा गया था। मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए भोर में अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासी शिविर से निकले थे।