लखनऊ। यूपी का मुरादाबाद जिला, जिसे पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। मुरादाबाद अपने धार्मिक स्थल और प्राचीन मंदिरों के लिए काफी प्रसिद्ध है। नए साल के अवसर पर मुरादाबाद के लोग अपनी धार्मिक आस्था के साथ नए साल की शुरुआत करना पसंद करते हैं। जिले के विभिन्न मंदिरों में जाकर लोग पूजा-अर्चना करते है।
भगवान का आशीर्वाद लेते हैं
अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। नए साल के पहले दिन मुरादाबाद के लोग इन मंदिरों में पहुंचकर अपने पूरे साल को सुखमय बनाने की कामना करते हैं। मुरादाबाद के प्राचीन मंदिरों में सबसे प्रमुख मंदिर मां काली का है, जो मुगलपुरा थाना क्षेत्र के लालबाग में स्थित है। यह मंदिर रामगंगा नदी के किनारे स्थित एक सिद्ध पीठ है। ऐसा माना जाता है कि यहां देवी की प्रतिमा जमीन से प्रकट हुई थी। जहां नए साल के दिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है।
इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं
ऐसा माना जाता है इस मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं पूरी होती है। इसके अतिरिक्त मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध साईं मंदिर भी भक्तों के बीच एक प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर में भी नए साल के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, जो शांति और समृद्धि की कामना करने के लिए आते हैं। मुरादाबाद के कैलाश मानसरोवर शिव मंदिर, हनुमान मंदिर और महाकालेश्वर धाम जैसे स्थल भी नए साल के मौके पर श्रद्धालुओं से भर जाते हैं। ये मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता के लिए जाना जाता हैं।
दिव्य परिवार की स्थापना
महाकालेश्वर धाम में विष्णु, ब्रह्मा, महेश और नटराज समेत संपूर्ण दिव्य परिवार की स्थापना की गई है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि यह मंदिर सभी प्रकार के कष्टों को दूर करता है।