पटना। बेंगलुरु की सॉफ्टवेयर कंपनी के इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड कर लिया है, जिसका मामला सुर्खियों में हैं। सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी, उसके रिश्तेदारों समेत अदालती कामकाज पर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही पत्नी निकिता सिंघानिया ने दर्ज कराई गई एफआईआर के एक-एक आरोप पर सफाई दी है।
24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा
बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्ने के सुसाइड नोट में लिखा। उन्होंने नोट में लिखा कि निकिता सिंघानिया से उनकी मुलाकात एक मैरिज वेबसाइट के माध्यम से हुई थी। निकिता अपने ससुराल में शादी के केवल 2 दिन तक ही रही, उसके बाद वह अतुल सुभाष के साथ बेंगलुरु चली गई थी। इसकी पुष्टि मृतक अतुल सुभाष के चचेरे भाई ने भी की है। समस्तीपुर के पूसा वैनी गांव के चचेरे भाई बजरंग अग्रवाल का कहना है।
अतुल की शादी निकिता से हुई
बेंगलुरु में जॉब करने वाले अतुल की शादी साल 2019 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निकिता सिंघानिया के साथ हुई थी। निकिता से अतुल का रिश्ता एक ऑनलाइन मैरिज ब्यरो वेबसाइट के जरिए तय हुआ था। साल 2019 हुई शादी के बाद निकिता ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद पति और पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। पत्नी ने जौनपुर में अतुल और उनके परिवार के ऊपर कई केस दर्ज कर लिए, जिसके कारण उनका कई बार जौनपुर जाना हुआ।
कोर्ट की प्रताड़ना प्रक्रिया का जिक्र
अपने 24 पेज के सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने प्रताड़ना का जिक्र किया। प्रताड़ना के बारे में उन्होंने लिखा दहेज का केस दर्ज होने के बाद वह बेंगलुरु से, उनके छोटे भाई दिल्ली से और बूढ़े मां-बाप बिहार से लगभग 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेशी हुए थे। जिस व्यक्ति को सालभर में केवल 23 छुट्टियां मिलती हों, वह निजी तौर पर 40 बार कोर्ट की पेशी पर पहुंचा है।
सबूत के साथ दलील पेश की
सुसाइड नोट के माध्यम से अतुल सुभाष ने न केवल अपने और परिवार के ऊपर दर्ज केस को लेकर सुबूत के साथ दलील दी, बल्कि अदालत द्वारा प्रताड़ना प्रक्रिया के बारे में भी बताया। बरहाल सॉफ्टवेयर इंजीनियर की आत्महत्या के मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिजनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया है।