लखनऊ। यूपी के पश्चिमी भाग में इस समय घने कोहरे का असर जारी है। पछुआ हवा के प्रभाव के कारण हवाओं में घुल रहा जहर मूव नहीं कर पा रहा है। इसका अंदाजा प्रदुषण के खतरनाक स्तर को देखकर लगाया जा सकता है। प्रदूषण को मापने वाली मशीन पीएम 2.5 और पीएम 10 को खतरनाक स्तर पर दर्शा रही है।
स्कूलों बंद करने का निर्णय
प्रदूषण का प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। ऐसे में बच्चों-बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए घरों पर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है। स्कूल प्रबंधनों ने ऑनलाइन मोड में पढ़ाई का आयोजन करने का फैसला लिया है। दिल्ली के बाद नोएडा और गाजियाबाद में बीते दिन रविवार को ही स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया था। इसके बाद हापुड़, मेरठ और बुलंदशहर जिला प्रशासन ने सोमवार से स्कूलों को बंद करने का निर्णय किया।
12वीं तक के सभी स्कूलों की छुट्टी
जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट और सरकार के आदेश के तहत यह फैसला लिया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अगले आदेश तक स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। इस दौरान पढ़ाई ऑनलाइन मोड में ही कराई जाएगी। मेरठ डीएम दीपक मीणा ने बताया कि जिले में 12 वीं तक के सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है। जिले में भी प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ग्रैप-4 प्रतिबंधों को लागू किया गया है।
आदेश को सख्ती से लागू करें
AQI खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। जिसके चलते कक्षा-12 वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। डीएम ने बताया कि अगले आदेश आने तक स्कूल बंद ही रहेंगे। इस दौरान स्कूल प्रबंधन ऑनलाइन क्लास संचालित कर सकते हैं। डीएमने इस आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।