लखनऊ। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान जारी है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए एक दिन पहले ही जन सैलाब उमड़ पड़ा। मौनी अमावस्या पर बुधवार को लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। अमावस्या का शुभ मुहूर्त मौनी अमावस्या के एक दिन पहले […]
लखनऊ। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान जारी है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए एक दिन पहले ही जन सैलाब उमड़ पड़ा। मौनी अमावस्या पर बुधवार को लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है।
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले मंगलवार को पावन त्रिवेणी तट पर आस्था का ऐसा जनसमुद्र उमड़ा कि भक्ति भाव की लहरों से सारे बंध टूट गए। एक दिन पहले ही लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन संगम में स्नान किया। थल, जल, नभ से कड़ी निगरानी के बीच मौनी अमावस्या के पहले दिन रात लोग डूबकी लगाते रहे। मौनी अमावस्या का योग मंगलवार देर शाम 7 बजकर दस मिनट से ही शुरू हो गया। ज्योतिषविद पंडित देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के मुताबिक बुधवार शाम 6.27 बजे तक अमावस्या रहेगी।
उन्होंने बताया कि यह अमृत योग है। चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में और बृहस्पति जब वृष राशि में प्रवेश करते हैं तो यह पूर्ण योग बनता है। ज्योतिषविद ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त का स्नान सुबह 4 बजे से ही शुरू हो गया। अखाड़ों का अमृत स्नान भी सुबह 5 बजे से शुरू हो जाएगा और देर शाम तक चलेगा। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे।
संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इन्टर लॉकिंग वापसी मार्ग त्रिवेणी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य को वापस जा सकेंगे। जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क और निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है। आज प्रमुख स्नान पर्व के दिन में अक्षयवट दर्शन के लिए बंद रहेगा, लेकिन लेटे हनुमान मंदिर का शिखर दर्शन कर सकेंगे।