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BHU में नवजात बच्चों में आंखों की रोशनी कम होने के नए मामले, जानिए क्या है वजह

लखनऊ। मनुष्य के जीवन में आँख का होना बहुत आवश्यक है। उससे ज्यादा जरूरी है आँख की रोशनी का होना। आज कल लोगों के आँखों की रोशनी तेजी से कम होती जा रही है। जिसकी कई वजह सामने आई है। यदि आंखों की रोशनी बूढ़े लोगों को कम होती है तो वह सामान्य बात है, […]

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New cases of poor eyesight in newborns at BHU, know the reason
  • July 12, 2024 5:32 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

लखनऊ। मनुष्य के जीवन में आँख का होना बहुत आवश्यक है। उससे ज्यादा जरूरी है आँख की रोशनी का होना। आज कल लोगों के आँखों की रोशनी तेजी से कम होती जा रही है। जिसकी कई वजह सामने आई है। यदि आंखों की रोशनी बूढ़े लोगों को कम होती है तो वह सामान्य बात है, लेकिन यह समस्या नवजात बच्चों में भी अधिक देखने को मिल रही है। जवान और बूढ़ों के अलावा नवजात बच्चें भी इसके शिकार हो रहे हैं। BHU अस्पताल में ऐसा मामला हर 24 घंटे में सामने आ रहे हैं।

मामले की पीछे के बताएं कारण

आपको बता दें कि BHU के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में पिछले 15 दिनों में कई नवजात शिशुओं के माता-पिता अपने बच्चे को इसी समस्या लेकर आए। कुछ मामले तो ऐसे थे कि उनके बच्चों की आँखे नहीं खुल रही थी। आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में लगभग 6-7 नवजात बच्चों में यह शिकायत सामने आई हैं। डॉक्टरों ने बच्चों के आँखों की रोशनी के कम होने के पीछे कारणों का खुलासा किया। डॉक्टरों ने कहाना है कि जो बच्चे समय से पहले हो गए है। उनमे यह समस्या आमतौर पर देखी जा रही है। समय से पहले होने के कारण नवजात बच्चों की आँखों के परदे भी बहुत कमजोर होते हैं।

BHU में चल रहा इलाज

डॉक्टर दीपक BHU के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में नेत्र विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की आँखे नहीं खुल पा रही है । उन बच्चों का इलाज उचित जाँच के बाद किया जा रहा है। जिन बच्चों के आँखों के पर्दे कमजोर होते हैं उनके आँखों की रोशनी कम होने की संभावना भी ज्यादा होती है। संस्थान में सबसे पहले आँखों की सिकाई की जाती है। फिर भी आराम नहीं होता है, तो इंजेक्शन लगाया जाता है। कुछ बच्चो को तो हाई प्रेशर ऑक्सीजन भी दिया जाता है। जिसका असर ज्यादातर बच्चों के आँखों के पर्दे पर पड़ता है। परिणामस्वरूप बच्चों के आँखों के पर्दे कमजोर हो जाते हैं।


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