लखनऊ। बांदा जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी की मौत (Mukhtar Ansari News) के कारणों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। ऐसे में डीजी जेल के आदेश पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक द्वारा मुख्तार का इलाज करने वाले डॉक्टरों के बयान दर्ज किए गए। बता दें कि 28 मार्च को बांदा जेल (Banda Jail) में बंद मुख्तार अंसारी का इलाज इन्हीं डॉक्टरों ने किया था। जिनमें से एक डॉ. अदिति श्रीवास्तव (सर्जन), डॉ. हृदेश पटेल फिजीशियन और डॉ. शिशिर शामिल हैं। तीनों डॉक्टरों ने जेल पहुंचकर वरिष्ठ जेल अधीक्षक के सामने अपना-अपना बयान दर्ज कराया।
11 बजे से 3 बजे तक पूछताछ
जानकारी के अनुसार, सभी डॉक्टर करीब 11 बजे बांदा जेल (Banda Jail) पहुंचे थे। जिसके बाद वो लगभग 3 बजे यहां से बाहर निकले। बताया जा रहा है कि डॉ. अदिति को 25 मार्च की रात को मुख्तार(Mukhtar Ansari News) की तबीयत बिगड़ने पर बुलाया गया था। जिन्होंने मुख्तार की जांच के बाद उसे मेडिकल कॉलेज (Banda Medical College) रेफर कर दिया था। इसी के अगले दिन जांच में मुख्तार के पेट में दर्द, सूजन और गैस की शिकायत सामने आई।
फिर 28 मार्च की दोपहर में मुख्तार तबीयत फिर से बिगड़ने पर डॉ. अदिति जेल गईं। वहां 3.15 बजे मुख्तार अंसारी का स्वास्थ्य सामान्य मिला। जिसके बाद शाम को 5.40 पर फिर से उन्हें मुख्तार का स्वास्थ्य बिगड़ने की जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने जेल पहुंचकर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां डॉ. शिशिर के मुताबिक, मुख्तार की पल्स व शुगर अनियंत्रित थी, जिसकी वजह से उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजा गया था।
व्हील चेयर पर आ गया था
वहीं डॉ. हृदेश पटेल ने बताया कि 28 मार्च को दोपहर दो बजे उन्हें मुख्तार की तबीयत बिगड़ने की खबर मिली। जेल पहुंचने पर उन्होंने देखा की वो व्हील चेयर पर था। बीपी ठीक नहीं होने के कारण उसे हार्ट स्पेशलिस्ट से परीक्षण की सलाह दी गई। इसके बाद जब शाम को फिर से मुख्तार की तबीयत खराब होने की जानकारी मिली तो उन्होंने जेल पहुंचकर जांच की। यहां उन्होंने मुख्तार की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज भेजने की सलाह दी और फिर वहां से वापस चले गए।