Saturday, January 4, 2025

महाकुंभ पहुंचे मौनी बाबा, 41 सालों से रखा है मौन व्रत, केवल चाय पर हैं जिंदा

लखनऊ। प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में आपको कई बाबा देखने को मिलेंगे। लेकिन आज हम आपकों ऐसे बाबा के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने आजीवन तक मौन व्रत धारण किया है। बाबा जब तक जीवित रहेंगे वह अपनी जिंदगी कभी नहीं बोलेंगे। उन्होंने किसी संकल्प के तहत यह मौन व्रत धारण किया है। बाबा महाकुंभ पहुंचे गए है।

अन्न-पानी को त्याग दिया

इन मौनी महाराज को कुछ लोग चाय वाले बाबा भी कहते है। पिछले 41 सालों से मौन व्रत धारण किए हुए मौनी महाराज ने खाना और पानी को भी त्याग दिया है। वे केवल चाय पर अपना जीवन बिता रहे हैं। यहीं कारण है कि लोग उन्हें चाय वाला बाबा भी बुलाते हैं। बाबा दिन भर में 10 चाय पीते हैं। इन 10 चाय के कप पर इनका शरीर चलता है। मौनी महाराज का असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। वो प्रतापगढ़ के चिलबिला में शिवशक्ति बजरंग धाम के रहने वाले हैं। मौनी महाराज केवल चाय के शौकीन हैं,

प्रसाद के रुप में चाय

मौनी महाराज के पास आने वालों भक्तों को भी प्रसाद के रुप में चाय पिलाई जाती है। चाय के अलावा मौनी महाराज को तेज रफ्तार में बाइक चलाना भी पंसद है। हाईवे पर उनकी बाइक की रफ्तार 100 से कम नहीं होती है। यही कारण है कि केवल 45 मिनट में वह प्रतापगढ़ से प्रयागराज पहुंच गए। बाबा अपनी बाइक से ही महाकुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे हैं। मौनी महाराज शिक्षकों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बायोलॉजी में बीएससी की पढ़ाई की है।

संन्यास का रास्ता अपनाया

उनके पिता स्कूल में प्रिंसिपल थे जिनकी मृत्यु के बाद उन्हें शिक्षा विभाग में अनुकंपा पर नियुक्त किया था, लेकिन अब तक बाबा अधात्म से जुड़ चुके थे। धीरे धीरे उनका सांसारिकता से मोहभंग हो गया। जिसके बाद उन्होंने संन्यास का रास्ता अपनाया और वह संन्यासी बन गए। बाबा के लिए धर्म और आध्यात्म ही सर्वोपरि हैं। बाबा की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वो सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्त में कोचिंग देते हैं।

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