लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज शनिवार को देश में बदलते पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय राजधानी दिल्ली पिछले कई दिनों से गैस चैंबर बनी हुई है। श्वांस रोगियों और बुजुर्गों के लिए हालात बेहद गंभीर है। जिस वजह से सरकार चिंतित व माननीय न्यायालय सख्त है. उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आपदाएं अनियोजित विकास नीतियों और मनुष्य की गलत आदतों का यह रिजल्ट हैं।
मानसून के बदलते पैटर्न पर हुई चर्चा
सीएम योगी ने मानसून के बदलते पैटर्न पर जोर देते हुए कहा कि पहले मानसून 15 जून से शुरू होकर 15 अगस्त तक खत्म होता था, लेकिन अब यह 15 अगस्त से 15 अक्टूबर तक रहता है. इससे फसलों की कटाई और बुआई का समय भी बदल रहा है. उन्होंने कहा कि कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखा पड़ रहा है, जिससे किसान बर्बाद हो रहे हैं.
16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई
यूपी में शुरू किए गए कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए अभियान का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 से राज्य में 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं, जिससे 9.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और 968 करोड़ रुपये की बचत हुई। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की “पीएम सूर्य घर योजना” का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के जरिए लोग सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और बिजली बेच भी सकते हैं.
1977 से 2017 तक इंसेफेलाइटिस से हुई मौत
सीएम योगी ने कहा कि प्रदूषित पानी और खुले में शौच बेहद खतरनाक है. इसका परिणाम हुआ कि 1977 से 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में इंसेफेलाइटिस से मौतें हुई। गंदगी और प्रदूषण के कारण 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई थी. अब हर घर में शौचालय बन रहे हैं, अभियान चलाकर हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाया जा रहा है, अब इंसेफेलाइटिस से कोई मौत नहीं होती है।