लखनऊ। मणिपुर में इन दिनों दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति है। इसी बीच वहां से एक झकझोर देने वाला वीडियो सामने आया है। कल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो सर्कुलेट हो रहा है, जिसमें देखा जा रहा है कि लोगों की भीड़ दो महिलाओं को नग्न अवस्था में ले जा रही है। इस दौरान कुछ पुरुष दोनों महिलाओं को अभद्र तरीके से छूते हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया है। वहीं इस घटना से देश में उबाल आ गया है। सभी लोग इस वीभत्स घटना की निंदा कर रहे हैं। सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को लेकर केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
बीजेपी की साजिश
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि वीडियो के वायरल होने पर मणिपुर के सीएम वीरेन सिंह का कहना है कि यह तो एक वीडियो वायरल हुआ है, इस तरह की सैकड़ो घटनाये हुई हैं। सैकड़ो एफआईआर भी हुए हैं, इसलिए इंटरनेट बंद किया गया है। मणिपुर सीएम का यह बयान बेहद चौंकाने वाला है। घटना 4 मई की है, एफआईआर 15 मई को दर्ज होती है, मुख्यमंत्री के आदेश से इंटरनेट भी बंद किया जाता है। इसका मतलब है सारे घटनाक्रम के पीछे भाजपा सरकार की साजिश है।
केंद्र की मौन स्वीकृति
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि पुरे प्रकरण पर पर्दा गिरा रहे इसलिए जानबूझकर राज्य में इंटरनेट बंद किया गया और जब वीडियो वायरल हुआ है तब जाकर सीएम ने सच को स्वीकार किया है। मणिपुर सरकार के किये गए इन काले कारनामों पर केंद्र सरकार ने जो चुप्पी साध रखी है वो मौन स्वीकृति एवं सहमति है। मणिपुर के सीएम को तत्काल बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागु करना चाहिए। इस शर्मनाक घटना के लिए पीएम मोदी खुद सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगे।
जानिए क्या है वजह
बता दें कि वायरल वीडियो 4 मई का ही बताया जा रहा है। यह घटना मणिपुर की राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर कंगपोकपी जिले का है। मेइती समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग कर रहे थे। जिसके विरोध में कुकी आदिवासी समुदाय और मेइती समुदाय के बीच झड़प शुरू हो गयी। इस हिंसा में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी हैं।