लखनऊ। संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले की तैयारी जोरो-शोरों पर है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को तंबुओं के कैंप के साथ ही डोम सिटी में रहने की सुविधा मिलेगी। डोम सिटी महाकुंभ में ही नहीं बल्कि भारत में पहली बार बसाई जा रही है। डोम सिटी में एक दिन का किराया है 1 लाख रुपये से ज्यादा का है।
बुंकिग को लेकर अच्छे रिस्पांस
इसकी कुछ खासियत है जो इसे खास बनाती है। यह डोम बुलेट प्रूफ- फायर प्रूफ और पारदर्शी होता है जो इसे महंगा बनाता है। इस डोम में एक रात बिताने पर पता चल जाएगा कि फाइव स्टार होटल और आलीशान कोठियों के कमरे इसके आगे फीके है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि रिमोट का बटन दबाने से डोम की छत के पर्दे हट जाते है, जिससे रात के अंधेरे में आसमान में चमकते तारों दिखते है। माना जा रहा है कि इसकी बुकिंग को लेकर जबरदस्त रिस्पांस सामने आएंगे।
44 डोम स्थापित किए जा रहे
डोम सिटी का कॉन्सेप्ट सामान्यत बर्फीले देशों में होता है। इसे इग्लू यानी गोलाकार आकार में फाइबर की सीट से तैयार किया जाता है। कड़ाके की ठंड से बचाने में काफी मदद करता है। भारत में चुनिंदा हिल स्टेशन पर ही इक्का-दुक्का डोम बनाए गए हैं। प्रयागराज महाकुंभ में एक साथ चौवालीस डोम और उनके साथ लगभग पौने दो सौ वुडन कॉटेज की अलग सिटी बसाई जा रही है। महाकुंभ क्षेत्र में डोम सिटी अरेल क्षेत्र में बसाई जा रही है। सिटी में 22 बड़े स्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। हर स्ट्रक्चर को दो हिस्से में बांटा गया है।
राम में सितारों को देख सकते है
दोनों हिस्सों में जमीन से लगभग 15 फीट ऊंचाई पर डोम तैयार किए गए हैं। डोम यानी फाइबर शीट से तैयार किया गया एक ऐसा कमरा, जिसे बेडरूम और ड्राइंग रूम दोनों के तौर पर उपयोग किया जाता है। महाकुंभ में तैयार डोम को चारों तरफ रंगीन पर्दे से ढका गया है। यह पर्दे रिमोट का एक बटन दबाकर खुल जाते है। डोम की अंदरूनी छत पर भी लगे पर्दे को रिमोट से हटाकर रात के समय आसमान में चमकते तारों को देखा जा सकता है।