लखनऊ। महाकुंभ से पहले एक सीनियर मौलवी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर महाकुंभ के दौरान मुस्लिमों के सामूहिक धर्मांतरण की शंका जताई है। वहीं, अन्य समुदाय के नेताओं ने कुछ हिंदू संतों द्वारा मुसलमानों को इस मेले से बाहर रखने की मांग को लेकर चिंता व्यक्त की है।
मुस्लिमों के धर्मांतरण को नाकाम करें
पिछले साल अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने महाकुंभ के लिए केवल हिंदू दुकानदारों से ही सामान खरीदने की अपील की थी, ताकि सनातन धर्म के सच्चे अनुयायियों को प्रोत्साहित किया जा सके। हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सीएम योगी से अपील की है कि वह महाकुंभ के दौरान मुस्लिमों के धर्मांतरण की साजिश को नाकाम करें।
महाकुंभ से दूर रहने की सलाह दी
उन्होंने दावा किया कि उन्हें योजनाओं की जानकारी मिली है। मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सीएम योगी को लिखे पत्र में कहा कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस पर कार्रवाई करे। हालांकि उन्होंने मुस्लिमों को महाकुंभ से दूर रहने की सलाह भी दी, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके। जमीयत उलमा-ए-हिंद की यूपी इकाई के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा कि मुसलमानों को महाकुंभ से दूर रहना चाहिए।
महाकुंभ को धर्म के चश्मे से देखना गलत
मुसलमानों को महाकुंभ से दूर रखने की मांग संविधान में निहित अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, महाकुंभ जैसे आयोजन को धर्म के चश्मे से देखना गलत दिशा की ओर अग्रसर करता है।