Thursday, September 19, 2024

Lok Sabha Election: बैंगलुरु में अमित शाह से क्यों मिले यूपी के बाहुबली नेता राजा भईया?

लखनऊ। यूपी के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बेंगलुरू में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात 3 मई को हुई थी। इस बात की पुष्टि खुद राजा भैया ने की। दरअसल, बैंगलुरु के एक मित्र के जरिए उनकी ये मुलाकात हुई। साथ ही ये भी पता चला है कि जल्द ही दूसरी मुलाकात भी होने वाली है। जानकारी के अनुसार, राजा भैया चाहते थे कि इनकी पार्टी के नेता शैलेंद्र कुमार चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ें और बीजेपी उनका साथ दे पर ऐसा नहीं हुुआ। बीजेपी ने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को टिकट दिया है।

राजा भैया ने की थी तारीफ

जानकारी के अनुसार, इसके बाद राजा भैया ने समाजवादी पार्टी से भी इस मामले में संपर्क किया था लेकिन वहां भी बात कुछ नहीं बन पाई। यहां पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के सीनियर लीडर इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेन्द्र सरोज को टिकट (Lok Sabha Election) दिया। हालांकि, राम मंदिर से लेकर कई अन्य मुद्दों पर राजा भैया बीजेपी का समर्थन करते आए हैं। यही नहीं वो विधानसभा के अंदर भी बीजेपी और योगी सरकार की नीतियों की तारीफ करते दिखाई दिए थे। राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के यूपी में दो विधायक हैं। प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीटों पर उनका प्रभाव देखा जाता है।

2018 तक रहे अखिलेश यादव के साथ

गौरतलब है कि साल 2018 और फिर इस साल हुए राज्य सभा चुनावों में राजा भईया की पार्टी ने बीजेपी के लिए वोट किया था। जबकि इससे पहले वो समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ थे। साल 2018 तक वे अखिलेश यादव के साथ थे। उस वक्त सपा और बीएसपी का गठबंधन था। वहीं जब राज्य सभा चुनाव को लेकर लखनऊ के होटल ताज में अखिलेश ने सभी विधायकों को डिनर पर आमंत्रित किया था तो राजा भैया भी वहां पहुंचे थे। उन्होंने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का वादा किया था। लेकिन अगले दिन उन्होंने और उनकी पार्टी के दूसरे विधायक ने बीजेपी का समर्थन कर दिया।

दरअसल, उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार को वोट देने से मना कर दिया था। राजा भैया ने कहा था कि मायावती के उम्मीदवार का समर्थन करना उनके उसूलों के खिलाफ है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने उन्हें जेल भिजवाया था। बता दें कि राजा भैया मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे थे। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से राजा भैया की मुलाकात को ठाकुरों की नाराजगी को कम करने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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