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अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के खिलाफ वकीलों का विरोध-प्रदर्शन, वापस लेने की मांग तेज, जानें क्या है यह बिल

लखनऊ: आज शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। केंद्र की मोदी सरकार के प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 के प्रावधानों के खिलाफ वकीलों ने आज जमकर प्रदर्शन किया. पैदल मार्च करते हुए हजरतगंज चौराहे पहुंचे वकीलों को आगे बढ़ने से पुलिस ने गांधी प्रतिमा के पास उन्हें रोक दिया। वकीलों की मांग […]

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  • February 21, 2025 11:22 am IST, Updated 19 hours ago

लखनऊ: आज शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। केंद्र की मोदी सरकार के प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 के प्रावधानों के खिलाफ वकीलों ने आज जमकर प्रदर्शन किया. पैदल मार्च करते हुए हजरतगंज चौराहे पहुंचे वकीलों को आगे बढ़ने से पुलिस ने गांधी प्रतिमा के पास उन्हें रोक दिया।

वकीलों की मांग तेज

अधिवक्ताओं ने गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया और जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह प्रस्ताव संवैधानिक और मौलिक अधिकारों के विपरीत बनाया गया है, जो भविष्य में अधिवक्ताओं की एकता और अखंडता को तोड़ने वाला है. सेंट्रल बार एसोसिएशन के आह्वान पर जुटे वकीलों ने प्रस्तावित संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की।

एमपी में भी धरना-प्रदर्शन

इस मामले को लेकर एमपी में आज वकीलों ने अदालत में काम नहीं करने का ऐलान किया। वकीलों ने एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ रोड पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान इस बिल को लेकर उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारा लगाते हुए कहा कि यह बिल हमारे हितों के खिलाफ है। इस दौरान वकीलों ने अदालत में काम करने से मना कर दिया। वहीं बता दें कि इंदौर, ग्वालियर हाई कोर्ट सहित सभी जिलों की अदालत में वकील काम नहीं करेंगे लकिन अदालत खुली रहेंगी, लेकिन वकीलों की गैरमौजूदगी की वजह से पैरवी नहीं हो सकेगी।

क्या है ये एडवोकेट अमेंडमेंट बिल?

कानून मंत्रालय की ओर से अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 का मसौदा जारी कर दिया गया है. इसमें अधिवक्ता अधिनियम-1961 में कई संशोधन प्रस्तावित हैं। ड्राफ्ट पर लोगों की राय मांगी गई है. कहा गया है कि इन संशोधनों का मकसद कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा को वैश्विक स्तर का बनाना है. कानूनी शिक्षा में सुधार, तेजी से बदलती दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए वकीलों को तैयार करने और पेशेवर मानकों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वकीलों का कहना है कि जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा तब तक हमारा विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

 

 

 

 


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