लखनऊ। शादी का बंधन जन्मों-जन्मांतर का होता है। सात फेरे लेकर पति-पत्नी जीने-मरने की कसमें खाते हैं। इन कसमों को निभाने के लिए दंपत्ति पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा ही प्यार फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ में पत्नी-पत्नी के बीच देखा गया है। फतेहगढ़ में एक पत्नी ने 2 साल पहले मर चुके अपने पति के […]
लखनऊ। शादी का बंधन जन्मों-जन्मांतर का होता है। सात फेरे लेकर पति-पत्नी जीने-मरने की कसमें खाते हैं। इन कसमों को निभाने के लिए दंपत्ति पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा ही प्यार फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ में पत्नी-पत्नी के बीच देखा गया है। फतेहगढ़ में एक पत्नी ने 2 साल पहले मर चुके अपने पति के शव को उसके पैतृक गांव ले जाने के लिए कब्र खुदवा दी। इसके बाद वो अपने पति की अस्थियों को अपने साथ गांव ले गई।
केरल के जिला कैडियम कुपाड़ा गांव निवासी जॉली फर्रुखाबाद के सेंट एंथोनी स्कूल में शिक्षिका हैं। जॉली और उनके पति पॉल ईजे केरल से फर्रुखाबाद आकर यहीं के स्कूल में कई वर्षों से पढ़ा रहे थे। दो साल पहले कोविड के समय जॉली के पति पॉल की कोरोना से मौत हो गई। वह अपने पति के शव को पैतृक घर नहीं ले जा सकी, जिस वजह से उसे फर्रुखाबाद में ही दफनाया गया।
जॉली चाहती थी कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार केरल में करें। उसने डीएम से अपने पति की कब्र खुदवाने की अनुमति मांग। डीएम ने उसकी अर्जी स्वीकार कर ली। इसके बाद एडीएम सदर की मौजूदगी में कब्र की खुदाई हुई और कब्र से निकले अवशेषों को लेकर वह केरल ले गई।