Thursday, September 19, 2024

Hathras Stampede: चमत्कारी बाबा पर हुए नए खुलासे, पुलिस जांच में सामने आई कई बातें

लखनऊ। हाथरस मामले में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई। मंगलवार देर रात को हादसे पर पुलिस की ओर से सिकंदराराऊ कोतवाली में आयोजकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अनुमति से अधिक भीड़ एकत्रित करने, सामूहिक हत्या आदि के संगीन आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस बीच सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

बाबा के खिलाफ खुले कई राज

पुलिस भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि की कुंडली खंगाली जा रही है। जांच पड़ताल में सामने आया कि नारायण साकार हरि को 24 साल पहले मृत किशोरी को दौबारा पुर्जीवित का दावा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। सिपाही से ‘चमत्कारी बाबा’ बनने वाले सूरजपाल समेत सात लोगों पर 18 मार्च 2000 को थाना शाहगंज में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। श्मशान घाट में 24 साल पहले एक किशोरी को सूरज पाल ने मलका चबूतरा में जिंदा करने की कोशिश की गई थी। इस मामले में सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बवाल मच गया। पुलिस ने बल प्रयोग कर कथित बाबा के कई अनुयायियों को हिरासत में लिया था।

बड़ी संख्या में लोगो की आस्था जुड़ने लगी

पहले अनुयायियों के खिलाफ जार्च शीट दर्ज की गई थी। उसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर केस दर्ज किया। मूलरूप से बहादुर नगर, पटियाली एटा निवासी सूरजपाल खुफिया विभाग (एसपीआर कार्यालय) में सिपाही थे। विभाग से जुड़े पूर्व कर्मचारी ने बताया कि 1990 के दशक की बात है। सूरजपाल उनके साथ में काम करते थे। तब उनका आना-जाना अर्जुन नगर, शाहगंज में आयोजित होने वाले एक सत्संग से हो गया। तब से ही उन्होंने नौकरी पर आना छोड़ दिया।
नौकरी से उन्होंने रियाटरमेंट ले लिया। जिसके बाद उन्होंने खुद का सत्संग शुरू कर दिया। बाबा से बड़ी संख्या में लोगों की आस्था जुड़ गई। उनके सत्संग पर पहले केवल अनुयायी आते थे। उसके बाद सत्संग में भीड़ जुटने लगी।

Latest news
Related news