लखनऊ। आत्महत्या करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। अतुल की मां अंजू देवी ने पोते की कस्टडी के लिए कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने इस मांग को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई। मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि बच्चा अपनी मां के पास है।
बच्चे का पता लगाकर उसे सौंपे
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अतुल की पत्नी से बच्चे की स्थिति पर हलफनामे की मांग की है। 20 जनवरी को मामले पर अगली सुनवाई होनी है। इससे पहले 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अंजू देवी मोदी की याचिका पर हरियाणा, यूपी और कर्नाटक सरकार को नोटिस भेजा था। अंजू देवी ने याचिका में कहा था कि निकिता के जेल जाने के बाद से उन्हें उनके पोते के बारे में कुछ जानकारी नहीं है। बच्चे का पता लगाकर उसे उन्हें सौंप दें।
बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे
इस बीच अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को बेंगलुरु कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में निकिता के वकील ने बताया कि अब बच्चा निकिता के पास है। शनिवार को जमानत मिलने के बाद वह बच्चे को फरीदाबाद के स्कूल से अपने पास ले आई है। निकिता को हर शनिवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना है, इसलिए वह बच्चे को लेकर बेंगलुरु जाएगी। वहीं के स्कूल में बच्चे का दाखिला कराएगी और उसे पढ़ाएगी।
बेटा मां के हाथों में सुरक्षित नहीं
अतुल की मां अंजू देवी की याचिका में कहा कि निकिता और उसके परिवार ने अतुल को झूठे केस में फंसाकर पैसा लेने के लिए परेशान किया है। इसके चलते उसे सुसाइड करने के लिए मजबूर होना पड़ा अब निकिता के साथ अतुल सुभाष का 4 साल का बेटा सुरक्षित नहीं है।