Monday, November 18, 2024

FCI: कार्डधारकों के साथ धोखा, 33 फीसदी लोगों को नहीं मिला राशन, ICRIER रिपोर्ट में दावा

लखनऊ। भारतीय खाद्य निगम यानी FCI द्वारा राज्यों को भेजे गये कुल राशन में से 28 फीसदी राशन लाभार्थियों तक पहुंचा ही नहीं। यह दावा एक शोध पत्र में किया गया है। इकॉनमिक थिंक टैंक के शोध पत्र में दावा किया गया है कि इससे लगभग पूरे देश में 69,000 करोड़ रुपये हानि हुई है।

डिस्ट्रीब्यूशन पर सकारात्मक असर

इस शोध पत्र में यूपी के संदर्भ में दावा किया गया है कि 33 फीसदी राशन जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सभी राज्यों में यूपी इस मामले में 1 नंबर पर है। शोध पत्र में कहा गया है कि पीडीएस के लिए लाभार्थियों के राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की वजह से डिस्ट्रीब्यूशन पर सकारात्मक असर पड़ा है, लेकिन अभी भी सभी लाभार्थियों तक राशन नहीं पहुंच रहा है।

28.42 फीसदी राशन से वचिंत

INDIAN COUNCIL FOR RESearch on international economic relations (ICRIER) के लिए डॉ. राया दास, डॉ. अशोक गुलाटी और डॉ. रंजना रॉय की Rationalising Public Distribution System in India रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूरे भारत में लाभार्थियों तक चावल न पहुंच पाने वाले राज्यो में उत्तर प्रदेश नंबर 1 पर है। यहां 28.42 फीसदी कार्डधारकों को चावल नहीं मिल पाया है।

328 भ्रष्टाचार के मामले यूपी में

शोध पत्र में कहा गया है कि साल 2019 के पहले दस महीनों में पीडीएस से जुड़े भ्रष्टाचार के कुल मामलों में से आधे से ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं। शोध पत्र में यह दावा तत्कालीन उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल पर दिए जवाब जानकारी के आधार पर किया गया है। उस वक्त पीडीएस से संबंधित भ्रष्टाचार के 807 मामलों में से 328 अकेले यूपी से थे।

राशन खुले बाजारों में भेजा

शोध पत्र के मुताबिक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम होने के बाद भी लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है। शोध पत्र में सलाह दी गई है कि पीडीएस व्यवस्था में न केवल निगरानी बढ़ाई जाए बल्कि संस्थागत बदलाव भी किये जाए। शोध पत्र में दावा किया गया है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में राशन को खुले बाजार में भेज दिया जा रहा है।

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