लखनऊ: देशभर में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. किसान अपनी मांगें मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं. ऐसे में कई राज्यों के किसान अपनी मांगों को लेकर आज ग्रेटर नोएडा में पहुंचे हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) सहित कई किसान-नेतृत्व वाले संगठनों के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों के इस प्रदर्शन को किसान नेताओं के अलावा राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की पांच मांगें प्रमुख हैं।
जानें इनकी क्या है मांगें
(01)- 64% का मुआवज़ा
(02)- 10% का विकसित प्लॉट
(03)- अवादी का निस्तारण
(04)- नक्सा नीति संशोधन
(05)- गांवों का विकास (क्योंकि गांवों में पंचायत यानी प्रधानी खत्म होने के बाद गांवों का विकास करना सरकार की जिम्मेदारी है) उत्तर प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी समाजवादी पार्टी ने भी किसानों के विरोध को अपना समर्थन दिया है.
महामाया फ्लाईओवर पर प्रदर्शन करने का ऐलान
सपा के गौतमबुद्ध नगर जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी भी महापंचायत में पहुंचे. कांग्रेस और बसपा ने भी किसानों का समर्थन किया है. किसानों ने आज 4 दिसंबर को नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर धरने पर बैठने का ऐलान किया है. किसानों की गिरफ्तारी पर आज महापंचायत भी होनी है.
जगदीप धनखड़ का मिला समर्थन
इधर, यूपी सरकार ने आंदोलन का समाधान निकालने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है. किसानों के प्रदर्शन को उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ का समर्थन मिला है. जगदीप धनखड़ ने सरकार से पूछा कि किसानों से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए गए और प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत क्यों नहीं की गई. जगदीप धनखड़ ने कहा कि संकट में फंसे किसानों का आंदोलन का सहारा लेना देश की भलाई के लिए अच्छा संकेत नहीं है.