लखनऊ। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से एक नया नियम लागू किया गया है। इस नियम के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। रामलला के पुजारियों को अब पीतांबरी धारण करना होगा। पीतांबरी धारण करके ही वह रामलला की प्रतिदिन पूजा-अर्चना कर पाएंगे।
ड्रेस कोड की अनिवार्यता
पुजारी पीली चौबंदी और सफेद धोती को पहनेंगे। यह ड्रेस कोड 25 दिसंबर यानी क्रिसमस से लागू कर दिया गया है। ट्रस्ट की तरफ से सभी पुजारियों को दो-दो सेट ड्रेस भी उपलब्ध करवाई गई है। राममंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास समेत कुल 14 पुजारी राम मंदिर में कार्य करते हैं। पुजारियों के मल्टीमीडिया फोन इस्तेमाल करने पर पहले से ही रोक लगाई गई है। सभी पुजारियों को अब नया ड्रेसकोड भी पहनना अनिवार्य कर दिया है। अभी तक पुजारियों के लिए ड्रेसकोड का कोई नियम नहीं था और ना ही इससे पहनने की अनिवार्यता।
पंडितों की 2 पाली में बांटा
पुजारी अलग-अलग ड्रेस में आते थे और भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करते थे। राम मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए 14 पुजारियों को तैनात किया गया है। 7-7 पुजारियों को दो ग्रुप में बांटा गया और इनकी ड्यूटी लगाई गई हैं। सुबह की पाली के लिए 7 और शाम की पाली के लिए 7 पुजारियों को मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुबह वाले पंडितों को सुबह से दोपहर तक सेवा करनी होती है तो वहीं दोपहर के पंडितों को दोपहर से शाम तक काम करना होता हैं।
फोन इस्तेमाल पर प्रतिबंध
इन सभी पुजारियों को राममंदिर के अतिरिक्त कुबेर टीला स्थित शिवालय और हनुमान मंदिर में भी विधि-विधान से पूजा करनी होती है। राममंदिर ट्रस्ट के इस कदम से राम मंदिर के पुजारियों को अब अलग से पहचाना जा सकेगा। पुजारियों को चौबंदी, धोती, कुर्ता और सिर पर पीले रंग की पगड़ी पहनने की अनिवार्यता है। पुजारियों पर मल्टीमीडिया मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। जो पुजारी गर्भगृह में रहेंगे, वे बाहर नहीं निकल सकते हैं और ना किसी को भी छू सकते हैं।
किसी को स्पर्श नहीं कर सकते
यदि वे किसी को स्पर्श करते हैं, तो उन्हें तुरंत नहाना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त गर्भगृह में रहने वाले पुजारी तब तक वहीं रहेंगे जब तक मंदिर बंद के कपाट बंद ना हो जाए। उनका स्थानांतरण ना किया जाए। यह सारी व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से की गई है।