लखनऊ। महाकुंभ मेला का 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। जिसमें दूर-दूर से लोग शाही स्नान के लिए इसमें शामिल हो रहा है। आगरा के कुंभनगरी आए एक कपल ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े को दान में दे दिया है। बेटी का नाम राखी सिंह। वह हमेशा से चाहती थी कि वह साध्वी बने। वह आगरा के स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में कक्षा 9 में पढ़ती है।
पिता पेठा के कारोबारी है
राखी पिता संदीप सिंह पेठा कारोबारी के हैं वहीं मां गृहणी हैं। राखी की एक और बहन है, जिसका नाम निक्की है। परिवार ने जूना अखाड़े को अपनी बेटी दान करके इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। गंगा स्नान के बाद जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राखी सिंह को शिविर दाखिल कराया। उसका नाम राखी से बदलकर गौरी रखा गया है। गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को करना तय है। सभी धार्मिक संस्कारों के बाद गौरी गुरु परिवार का हिस्सा बन जाएगी।
4 साल से अखाड़े से जुड़े
पिता संदीप सिंह ने बताया कि वह जूना अखाड़े से चार सालों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी। उसी समय से उनके मन में अध्यात्म को लेकर इच्छा जागी। राखी के साध्वी बनने की इच्छा के बाद परिवार 26 दिसंबर को प्रयागराज आया था। यहीं कारण था कि उसे जूना अखाड़े को दान कर दिया गया। जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरि ने बताया कि संदीप सिंह और उनकी पत्नी कई सालों से उनके संपर्क में हैं।
अध्यात्म की शिक्षा दिलाई जाएगी
उन्होंने बिना किसी दबाव में आकर यह फैसला लिया और बेटी को साध्वी बनने के लिए दान किया। बेटी अगर आगे और पढ़ना चाहेगी तो उसे अध्यात्म की शिक्षा भी दिलवाई जाएगी।