लखनऊ। बहराइच हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के जवाब न दाखिल करने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नाराजगी जताई है। अदालत ने मामले से जुड़े सभी तथ्यों समेत विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को दो दिन का समय और दिया है। अगली सुनवाई 4 नवंबर को होनी है। […]
लखनऊ। बहराइच हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के जवाब न दाखिल करने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नाराजगी जताई है। अदालत ने मामले से जुड़े सभी तथ्यों समेत विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को दो दिन का समय और दिया है। अगली सुनवाई 4 नवंबर को होनी है।
बहराइच के महराजगंज में हिंसा के बाद आरोपियों के घरों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया था। कार्रवाई के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर बीते दिन उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सुनवाई की। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था ने मामले में जनहित याचिका दायर की थी। अदालत ने सरकार से मामले से जुड़े सभी तथ्यों के साथ तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
बुधवार को सरकारी वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 2 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। सीनियर जज एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने सुनवाई के बाद जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया है। बहराइच के महराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद अराजकता फैल गई थी।
हिंसा के प्रमुख आरोपियों के घरों पर 18 अक्टूबर को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब तीन दिन के भीतर देने के आदेश जारी किए गए है।