लखनऊ: बीते कई दिनों से देश के अन्य राज्यों से नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर आए किसान केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच यहां धरना दे रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में फूट पड़ गई है। बताया जा रहा है कि यह आंदोलन 10 संगठनों द्वारा चलाया जा […]
लखनऊ: बीते कई दिनों से देश के अन्य राज्यों से नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर आए किसान केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच यहां धरना दे रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में फूट पड़ गई है। बताया जा रहा है कि यह आंदोलन 10 संगठनों द्वारा चलाया जा रहा था, लेकिन इसके मुख्य घटक भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और कई संगठनों ने इस विरोध से खुद को अलग कर लिया है.
आज गुरुवार को मीडिया से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसानों के विरोध और समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. उन्होंने कहा कि उनकी राय है कि किसान संगठन के लोगों को धरना स्थल पर ही इस कमेटी से बात करनी चाहिए और अपनी मांगों को प्रमुखता से उनके सामने रखना चाहिए.
राकेश टिकैत ने आगे कहा दिल्ली कूच से समस्या का समाधान नहीं होगा क्योंकि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी किसान संगठनों का एकजुट होना जरूरी है, तभी दिल्ली कूच सफल होगा. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को कमेटी के लोगों से बात करनी चाहिए लेकिन कुछ नेता इसके लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसी वजह से भारतीय किसान यूनियन इस प्रदर्शन से अलग हो गई है.
BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि अन्य संगठन जैसा चाहे कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसान आंदोलन से कई संगठनों ने अपने आप को अलग कर लिया है। उनका भी मानना है कि कमेटी के सामने अपनी बात रखकर किसानों की बुनियादी समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए. वहीं कुछ किसान नेताओं का मानना है कि इसका समाधान टकराव से नहीं बल्कि आपसी बातचीत से निकलेगा।