लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल(Arun Govil) का एक बयान खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वह संविधान बदलने के सवाल पर कथित तौर पर बदलाव करना बुरा नहीं मानते। अब अरुण गोविल के इस सवाल पर सपा नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाए जाने को बीजेपी की भूल बताया है।
अरुण गोविल को टिकट देना भारी भूल- अखिलेश
दरअसल, सपा नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते उन्हें टिकट देकर बीजेपी ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है।
ये जनता से वसूली का तरीका है- सपा नेता
सपा नेता ने लिखा, दरअसल भाजपा संविधान को पलटकर गरीबों, वंचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फ़ायदा-मुनाफ़ा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है। जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं। सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने आगे लिखा, इसीलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आनेवाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी। भाजपा हराओ, संविधान बचाओ!
अरुण गोविल का बयान
गौरतलब है कि सपा प्रमुख ने एक्स पर जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल (Arun Govil) कथित तौर पर कह रहे हैं कि – जब हमारा संविधान बना था तो उसमें परिस्थितियों के अनुसार, धीरे-धीरे चेंज हुए हैं। चेंज करना वो प्रगति की निशानी है। उसमें कोई खराब बात नहीं है। उस वक्त की परिस्थितियां कुछ और थीं, आज की कुछ और हैं। उसके हिसाब से अगर कुछ चेंज करना है, तो संविधान एक व्यक्ति की मर्जी से तो चेंज होगा नहीं। सर्व सम्मति चाहिए होगी। अगर ऐसा कुछ होगा तो किया जाएगा।