Thursday, September 19, 2024

Agra News: सलीम चिश्ती दरगाह की जगह था कामाख्या देवी मंदिर? मामला पहुंचा आगरा कोर्ट

लखनऊ। यूपी में लोकसभा चुनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra News) में फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती दरगाह को मां कामाख्या देवी मंदिर होने का दावा किया गया है। बता दें कि गुरुवार 9 मई को अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कोर्ट में यह वाद दायर किया है। जिसके मुताबिक, आगरा सिविल कोर्ट में माता कामाख्या देवी के मूल गर्भ गृह को लेकर वाद दायर किया गया है। ऐसे में गर्भगृह दावेदारी का यह वाद न्यायालय में पेश किया गया जहां से संज्ञान लेते हुए इश्यू नोटिस जारी का आदेश दिया गया।

मंदिर होने का दावा

दरअसल, इस दायर की गई याचिका में माता कामाख्या स्थान, आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट, योगेश्वर श्रीकृष्ण सांस्कृतिक अनुसंधान ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट और अधिवक्ता अजय प्रताप वादी बने हैं. वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन कमेटी दरगाह सलीम चिश्ती और प्रबंधन कमेटी जामा मस्जिद को प्रतिवादी बनाया (Agra News) गया है। बता दें कि आगरा से फतेहपुर सीकरी करीब 35 किलोमीटर दूर है जहाँ सलीम चिश्ती दरगाह में मां कामाख्या देवी का मंदिर होने का दावा किया जा रहा है।

आगरा कोर्ट में बड़ा दावा

अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह के अनुसार, सलीम चिश्ती दरगाह को लेकर एक शूट फ़ाइल किया गया है। जिसमें ये दावा किया गया है कि फतेहपुर सीकरी (Agra News) की दरगाह माता कामाख्या देवी का मूल गर्भ गृह है और जामा मस्जिद परिसर, मंदिर परिसर है। बताया गया कि वहां मां कामाख्या देवी सिकरवारों की कुल देवी का मंदिर हुआ करता था। रावधाम देव, खानवा युद्ध के दौरान वहां के राजा थे। रावधाम देव के इतिहास में इसका जिक्र मिलता है। अधिवक्ता का कहना है कि बाबरनामे में फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजे के दक्षिण पश्चिमी भाग में ओक्टा गोनल कुआं है और पश्चिमी पूर्वी मे एक गरीब घर है। बाबरनामे में बाबर ने इसे बनाने का जिक्र किया है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने ये भी कहा कि ऑक्टा गोनल कुआं हिंदू आर्केटेक्चर होता है।

इस किताब का दिया हवाला

वहीं विदेशी अधिकारी ई. वी. हवेल की मानें तो उन्होंने अपनी पुस्तक में जामा मस्जिद की छत और पिलर को प्योर हिंदू डिजाइन कहा है। अधिवक्ता का कहना है कि आगरा के पूर्व ASI सुपरीटेंडेंट डॉ. डी. वी. शर्मा ने इस एक एक्सकेवेशन (खुदाई) वीर छवेली टीला के लिए की थी। खुदाई के दौरान उन्हें सरस्वती की मूर्ति और जैन मूर्तियां प्राप्त हुई थी। डॉ डीवी शर्मा की एक किताब आर्केलोजी ऑफ़ फतेहपुर सीकरी न्यू डिस्कवरी लिखी है। जिसमें पेज नंबर 86 पर साफ लिखा है कि जामा मस्जिद हिंदू पिलर पर बनी हुई है।

यही नहीं तत्कालीन पुरातत्व विभाग के सुपरिंटेंडेंट डॉ. डीवी शर्मा ने ASI को एक आरटीआई डाली थी। इस RTI में पूछा गया था कि सलीम चिश्ती दरगाह और मस्जिद पर कोई रिसर्च की गई है या नहीं इस पर ASI ने कोई भी रिसर्च न होने की बात कही थी। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कहा, जब तक रिसर्च नहीं होगी तब तक कुछ भी कंफर्म नहीं कहा जा सकता है लेकिन प्राप्त कागजों के अनुसार लगता है कि यह स्ट्रेक्चर अकबर से पहले का है।

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