लखनऊ। गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी (Afzal Ansari News) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, आज गुरुवार (23 मई) को अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई सोमवार ( 27 मई ) को दोपहर 2 बजे से […]
लखनऊ। गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी (Afzal Ansari News) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल, आज गुरुवार (23 मई) को अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई सोमवार ( 27 मई ) को दोपहर 2 बजे से शुरू होगी। आज की सुनवाई में यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार की ओर से दलीलें पेश की गईं।
अब सोमवार को सभी पक्ष अपनी-अपनी अतिरिक्त दलीलें कोर्ट के सामने पेश करेंगे। आज की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की ओर से अफजाल अंसारी की सजा को 4 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने की अपील की गई। ऐसे में लगातार सुनवाई चलने के कारण अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बता दें कि अफजाल अंसारी चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसका फैसला हाईकोर्ट पर टिका हुआ है।
वहीं बता दें कि अफजाल अंसारी (Afzal Ansari News) की तरफ से ये कहा गया है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई, उस केस में वह पहले ही बरी हो चुके हैं। ऐसे में अफजाल अंसारी की तरफ से ये दलील दी गई है कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उन्हें उस आधार पर लगे गैंगस्टर केस में सजा नहीं दी जा सकती। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से सजा रद्द किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई जारी है। गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देकर 4 साल की सजा सुनाई थी। इस कारण अफजाल की लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत तो मंजूर कर ली थी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई थी
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून से पहले निस्तारित करने के लिए कहा। वहीं सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी। अब अगर हाईकोर्ट ने अफजाल की सजा रद्द नहीं की ऐसी स्थिति में चुनाव जीतने के बाद भी अफजाल अंसारी को अपना सांसद पद त्यागना होगा।