लखनऊ। यूपी में गाजीपुर के सांसद और लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। अब गुरुवार 23 मई को दोपहर 2 बजे भी सुनवाई होगी। ऐसे में अफजाल अंसारी इस बार लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगा।
गुरुवार को होगी सुनवाई
बता दें कि गुरुवार को होने वाली इस सुनवाई में अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की तरफ से हाई कोर्ट में दलीलें पेश की जाएंगी। जानकारी के अनुसार, अफजाल अंसारी की तरफ से कहा गया है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी, उस केस में वह पहले ही बरी हो चुके हैं। अफजाल की तरफ से पेश दलील में है कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं, तो ऐसे में गैंगस्टर केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती।
अफजाल ने कोर्ट से सजा रद्द करने की मांग की
अफजाल अंसारी ने अपनी अपील में इलाहाबाद हाईकोर्ट से सजा रद्द किए जाने की मांग की है. वहीं अफजाल की दलीलें पूरी होने के बाद सूबे की यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष कोर्ट में रखा जाएगा. इस मामले पर जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच सुनवाई करेगी.
कृष्णानंद राय के बेटे ने की मांग
वहीं राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। जिसमें अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाए जाने की मांग की गई है। इस दलील में कहा गया है कि इसी केस में मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। अब इसी आधार पर अफजाल की भी सजा बढ़ाई जानी चाहिए।
गैंगस्टर एक्ट के मामले में आरोपी
गौरतलब है कि गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी। जिसके कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था। लेकिन इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल की जमानत मंजूर कर ली थी लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई।
जबकि दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाई और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून से पहले निस्तारित करने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी। जिसके बाद अगर अब हाईकोर्ट ने उनकी सजा रद्द नहीं की तो ऐसी स्थिति में चुनाव जीतने के बाद भी अफजाल अंसारी को सांसद पद छोड़ना होगा।