लखनऊ। उमेश पाल अपहरण मामले में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने तीनों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा दी है और जुर्माना भी लगाया है। जबकि बाकी सभी सात आरोपियों को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है। अतीक का भाई अशरफ अहमद भी मामले में बरी कर दिया गया है।
अतीक को मिले फांसी की सजा
अतीक को सजा मिलने पर उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि मेरा बेटा शेर की तरह लड़ाई लड़ता चला आया। जब उसे (अतीक अहमद) लगा कि वह नहीं बच पाएगा तब उसने 17-18 साल बाद मेरे बेटे की हत्या कराई। कोर्ट मेरे बेटे की हत्या पर उसे (अतीक अहमद) फांसी की सज़ा सुनाए। वह नोट के बल पर आगे कुछ भी कर सकता है। उमेश पाल की मां ने आगे कहा कि अतीक का आतंक खत्म होना चाहिए।
पहली बार मिली सजा
बता दें कि 17 साल बाद उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। अतीक के ऊपर 101 से ज्यादा मामले दर्ज है लेकिन अब तक उसे किसी में सजा नहीं मिली थी। यह पहला मामला है, जिसमें उसे दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
अतीक के आतंक पर लगे अंकुश
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने फैसले के बाद कहा है कि जब तक अतीक, उसके भाई, बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक यह आतंक चलता रहेगा। मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं। मैं मुख्यमंत्री जी से चाहूंगी की अतीक अहमद को खत्म किया जाए जिससे उसके आतंक पर भी अंकुश लगे।