लखनऊ। उमेश पाल अपहरण केस में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज की सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल को वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की गई है। खूंखार अपराधी अतीक अहमद के खिलाफ फैसला सुनाने के बाद उनकी सुरक्षा में इजाफा किया गया है। बता दें कि 28 मार्च को भी जब स्पेशल जज फैसला सुनाने के लिए आ रहे थे तो वे पुलिस की सुरक्षा में अदालत पहुंचे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी को पुलिस की गाड़ियां एस्कॉर्ट कर रही थीं।
अतीक को पहली बार मिली सजा
मालूम हो कि 28 मार्च को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने अतीक अहमद और उसके साथी दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों को दोषी करार देते हुए उन पर पांच-पांच हजार का जुर्माना और एक-एक लाख क्षतिपूर्ति के रूप में उमेश पाल के परिवार को देने का आदेश दिया है। जबकि इस मामले में अतीक अहमद के भाई व पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस फैसला को सुनाने के बाद जज की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बता दें कि अतीक अहमद के 43 वर्षों के अपराधिक इतिहास में उसे पहली बार सजा मिली है।