लखनऊ। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के तार बरेली से भी जुड़े हुए हैं। हत्या की साजिश माफिया अतीक अहमद के कहने पर उसके भाई अशरफ ने रची थी। अब जानकारी सामने आई है कि अशरफ के साले सद्दाम ने फर्जी नाम-पते पर बरेली में किराये पर एक मकान लिया था। इस मामले में पुलिस ने अब मुक़दमा दर्ज कर लिया है।
क्यों चर्चे में है बरेली जेल?
बता दें कि इन दिनों बरेली जेल चर्चा में है क्योंकि यहां अतीक का भाई अशरफ बंद है। अशरफ ने इसी जेल में बैठे-बैठे पूरी प्लानिंग कर ली। अशरफ का साला सद्दाम बरेली में नाम बदलकर रह रहा था। उससे मिलने जेल भी जाता था लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस के मुताबिक सद्दाम बरेली में मुस्ताक नाम से रह रहा था। उसी मकान में सद्दाम और उसके अन्य साथी भी रहते थे। इस मकान पर जब पुलिस की टीम पहुंची तो वह नीचे से बंद था और ऊपरी मंजिल पर अन्य किराएदार थे।
डर से मकान खाली कर रहे लोग
इस मकान में रहने वाले लोग डर के मारे अपना रूम खाली कर रहे है। वो लोग इतने डरे हुए है कि सद्दाम और उसके अन्य साथियों के बारे में बात तक नहीं करते। एक परिवार ने कहा कि नीचे रहने वाले किराएदार किसी से बात नहीं करते थे। उनके पास दो बाइक थी, उसी से आते-जाते थे।
अशरफ को मिल रही थी विशेष सुविधा
गौरतलब है कि बरेली जेल में अशरफ को विशेष सुविधा पहुंचाई जाती थी। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। जिसमें जेल आरक्षी शिवहरि और जेल की कैंटीन में सामान की सप्लाई करने वाला दयाराम उर्फ नन्हें का नाम शामिल है।