लखनऊ: उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को इस हत्याकांड से जुड़ी अहम जानकारी हाथ लगी है. जांच अभियान में लगी टीम को शूटरों के बांग्लादेश भागने की जानकारी हाथ लगी है, जिसके बाद से टीम खाड़ी के देशों से आने वाली कॉल्स पर नजर जमाए हुए है. साथ ही बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के शूटर्स वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं.
जांच एजेंसिया हैं सतर्क
इस घटना के बाद से जांच एजेंसिया VoIP से खाड़ी देशों में बात कराने वाले टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वालों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई हैं.
क्या है कनेक्शन
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी अपराधियों ने VoIP कॉल को पुलिस के हाथों से बचने के लिए किया था. इसी के जरिए ये सामने आया कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में लारेंस विश्नोई का हाथ था.
एक महीने पूरे होने पर भी पुलिस के हाथ खाली
प्रयागराज के उमेशपाल हत्याकांड को शुक्रवार को एक महीने पूरे हो गए हैं लेकिन इस सनसनीखेज घटना में पुलिस को अब तक बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई है। बता दें कि इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने सात नामजद लोगों के साथ ही अज्ञात और अतीक के अन्य करीबियों के नाम से कुल नौ लोगों को आरोपी बनाया था।
एफआईआर में शामिल नाम
वहीं सात नामजद आरोपियों में से दो यानी कि माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ पहले से ही जेल में बंद हैं। इनके अलावा जिन पांच लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं, उनमें से अब तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई हैं। हालांकि पुलिस इस घटना में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं लेकिन जिन पांच लोगों ने मुख्य रूप से उमेश पाल की हत्या की वो अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस ने दो शूटर को एनकाउंटर में मार गिराया है। जबकि हत्याकांड में आरोपी बनाए गए अतीक अहमद समेत उसके कई करीबियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई भी की गई है।
अब तक फरार हैं ये लोग
इस हत्याकांड का पहला नामजद आरोपी माफिया अतीक घटना के पहले से ही जेल में बंद है। वहीं अतीक का भाई अशरफ भी बरेली जेल में बंद है। जबकि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन घटना के बाद से ही फरार है। उसका कोई सुराग अभी तक पुलिस के हाथों नहीं लग पाया है। शाइस्ता के साथ मोहम्मद मुस्लिम, गुलाम और अतीक का बेटे असद को भी पुलिस नहीं ढूंढ पाई हैं।