लखनऊ। यूपी के प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के 20 दिन हो गए। लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारे को नहीं ढूंढ पाई है। उनके हत्यारों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। हालांकि हत्यारों की तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल के हत्यारे लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं।
थोड़े से बच निकले गुड्डू और साबिर
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक STF बमबाज गुड्डू मुस्लिम तक लगभग पहुंच गई थी लेकिन छापेमारी से ठीक पहले गुड्डू मुस्लिम वहां से फरार हो गया। साबिर के साथ भी ऐसा ही हुआ। शुरुआती दौर में साबिर गंगा किनारे के क्षेत्रों में था लेकिन जैसे ही पुलिस उस तक पहुंच पाती साबिर भी वहां से भाग निकला।
ढूंढने में लगी हैं विभिन्न एजेंसीज
बता दें कि पुलिस हत्यारों को ढूंढने के लिए लगभग एक दर्जन राज्यों में 650 ठिकानो पर छापेमारी कर चुकी हैं। उनके पीछे विभिन्न एजेंसीज जैसे कि पुलिस, STF, SOG, क्राइम ब्रांच लगी हुई है। लेकिन फिर भी उनके हाथ अब तक खाली ही है।
सभी को मुहैया कराये गए नए फ़ोन और सिम
पुलिस का कहना है कि इस हत्या को अंजाम देने में असद का अहम रोल है। हत्यारों को पैसे पेशगी के तौर पर असद ने ही दिया था। इसके अलावा असद ने सभी को नए मोबाइल फोन और नए सिम कार्ड दिए थे। प्रयागराज से जिन दुकानों से अतीक के बेटे ने मोबाइल और सिम लिए थे, पुलिस उन तक पहुंच गई है।
असद ने किया पूरे हत्याकांड को लीड
STF सूत्रों के मुताबिक असद ने हत्यारों को कहा था कि सिर्फ उन्हीं मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉल करे। नॉर्मल कॉल करने की सख्त मनाही की गई थी। अतीक का बेटा असद इस पूरे हत्याकांड को लीड कर रहा था। उसने सबसे ये भी कहा था कि कोई भी शूटर हत्याकांड के बाद एक-दूसरे से बात नहीं करेगा। कौन कहां भाग कर जायेगा। कौन किसकी मदद करेगा, सबकुछ पहले से तय था। न सिर्फ हत्या की बल्कि हत्या के बाद की भी पूरी प्लानिंग पहले ही कर ली गई थी। यही वजह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस अब तक हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है।