लखनऊ। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। 31 साल 10 महीने बाद मुख़्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड मामले में सजा सुनाई गई है। वहीं सजा के ऐलान होते ही कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने कोर्ट रूम की चौखट पर अपना माथा टेका।
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस नेता अवधेश राय की 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, अवधेश राय अपने घर के बाहर खड़े थे, इस दौरान वैन में आए हमलवारों ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी। इस हमले में अवधेश का जिस्म गोलियों से छलनी हो गया और उनकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को आरोपी बनाया गया। मुख़्तार ने सजा से बचने के लिए केस की डायरी तक गायब करा दी थी लेकिन आखिरकार 32 साल बाद अवधेश राय के परिवार को इंसाफ मिल गया।
असहाय और बेबस हुआ मुख़्तार
बता दें कि माफिया मुख़्तार अंसारी का पूरा परिवार बिखर चुका है। उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी को हाल ही में सजा दी गई है। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर से बीजेपी के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को चुनाव में हराया था। मुख़्तार का विधायक बेटा अब्बास अंसारी पहले से चित्रकूट जेल में बंद है। दूसरा बेटा उमर अंसारी और पत्नी अफ़सा अंसारी दोनों फरारी काट रहे हैं। बहू निखत अंसारी भी जेल में बंद है। यहीं वजह है कि सोमवार को सजा के ऐलान के दौरान माफिया मुख़्तार बेबस नजर आ रहा था। उसके परिवार में क़ानूनी लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं है।
परिवार पर दर्ज है इतने मामले
मालूम हो कि माफिया मुख्तार के परिवार में उसके समेत सभी लोगों पर कुल 97 केस दर्ज हैं। मुख़्तार अंसारी के ऊपर 61, उसके भाई अफजाल अंसारी पर 7, सिगबतुल्लाह अंसारी (भाई) 3, पत्नी अफ़सा अंसारी पर 11, बेटे अब्बास पर 8 जबकि छोटे बेटे उमर अंसारी पर 6 और बहू निखत पर 1 मामला दर्ज है।