लखनऊ। उम्र कैद की सजा काट रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि ये दोनों पति-पत्नी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें रिहा कर दिया […]
लखनऊ। उम्र कैद की सजा काट रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि ये दोनों पति-पत्नी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें रिहा कर दिया गया है। इस मामले में मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं हैं।
निधि शुक्ला ने कहा कि अमरमणि कभी जेल में नहीं रहा, उसने अपनी सजा अस्पताल में काटी। 12 साल से वह जेल नहीं गया है। राज्यपाल को इस मामले में गुमराह किया गया है। अमरमणि बहुत बड़ा अपराधी है, जब उसने अपनी सजा काटी ही नहीं तो फिर उसे रिहाई क्यों? आखिर ऐसे में हमें न्याय कैसे मिलेगा? निधि शुक्ला ने आगे कहा कि अमरमणि को अस्पताल में VVIP सुविधा मिलती रही और अब रिहा किया जा रहा है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि मेरी मदद कीजिये। हम कोर्ट में सारे सबूत देंगे। अमरमणि की जेल से रिहाई पर रोक लगनी चाहिए।
9 मई 2003 को लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने उस समय की यूपी की तत्कालीन बसपा सरकार को हिला दिया था। बताया जाता है कि जांच के दौरान मधुमति शुक्ला और अमरमणि त्रिपाठी के बीच प्रेम-प्रसंग का मामला निकल कर सामने आया था। उस समय अमरमणि त्रिपाठी बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। देहरादून की फास्ट ट्रैक अदालत ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।