लखनऊ। प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या का मुद्दा बेअसर दिखा। निकाय चुनाव में बीजेपी मेयर प्रत्याशी उमेश चंद्र गणेश ने सपा प्रत्याशी को 1,29,221 से हरा दिया। 15 अप्रैल को हुई माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद लगा था कि मुस्लिम समाज की नाराजगी की वजह से बीजेपी को यहां नुकसान उठाना पड़ेगा लेकिन भाजपा न सिर्फ मेयर पद पर जीत दर्ज की बल्कि कई पार्षद भी जीत गए हैं।
प्रयागराज में बीजेपी की बंपर जीत
बता दें कि प्रयागराज में बीजेपी के 56 पार्षद ने जीत दर्ज की है। जबकि सपा के 16 पार्षदों को जीत मिली है। वोटिंग से पहले अतीक-अशरफ की हत्या को लेकर एक चिट्ठी वायरल हुई थी। जिसमें मुस्लिम समाज से अपील की गई थी कि वो बीजेपी और सपा को वोट न दें। हालांकि इस वायरल चिट्ठी का नुकसान बीजेपी को नहीं उठाना पड़ा, सपा ने भी 16 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं माफिया अतीक के गढ़ चकिया में सपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
वोट न देने की अपील
बता दें कि नैनी जेल में ही बंद अतीक के बेटे अली की एक चिट्ठी वायरल हुई थी जिसमें उसने प्रयागराज के लोगों से निकाय चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के खिलाफ मतदान करने की अपील की थी। उसने पोस्टर जारी करके बीजेपी और सपा पर हमला बोला था। अली ने अपने पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की मौत के लिए बीजेपी और सपा को जिम्मेदार ठहराया। उसने लोगों से अपील की कि आप सब निकाय चुनाव में सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों को वोट न दें।
जानिए चिट्ठी में क्या था?
उसने अपील करते हुए कहा था कि आप लोग देख रहे हैं कि कैसे मेरे पिता, चाचा और भाई का एनकाउंटर कर दिया गया। अब मुझे भी मारने की साजिश रची जा रही है। इसमें जितना हाथ योगी आदित्यनाथ का है, उतना ही सपा का भी है। ये लोग मेरी मां को भी ढूंढ रहे हैं, ताकि उसका भी एनकाउंटर कर दें। अब हम मुसलमान लोग किसी के बहकावे में नहीं आएंगे।