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Investigation: मंगेश यादव केस में मजिस्ट्रेटी जांच अवधि 26 सितंबर तक बढ़ाई

लखनऊ। सराफा डकैती कांड में जौनपुर के मंगेश यादव एनकाउंटर में सरकार पर लगातार विपक्ष निशाना साध रही है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर सरकार को कटघरे में लिया है। इसकी गूंज देश और प्रदेश में तेज है। इस संवेदनशील के समें मजिस्ट्रेटी जांच अभी आगे नहीं बढ़ पाई है। […]

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  • September 19, 2024 10:42 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

लखनऊ। सराफा डकैती कांड में जौनपुर के मंगेश यादव एनकाउंटर में सरकार पर लगातार विपक्ष निशाना साध रही है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर सरकार को कटघरे में लिया है। इसकी गूंज देश और प्रदेश में तेज है। इस संवेदनशील के समें मजिस्ट्रेटी जांच अभी आगे नहीं बढ़ पाई है।

घटना से संबंधित अधिकारियों को भेजी चिट्ठी

जांच अधिकारी को पुलिस और मेडिकल के अधिकारी सहयोग मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जांच अधिकारी ने एक बार फिर संबोधित अधिकारियों को चिट्ठी भेजी है। ताकि जांच कार्रवाई में तीव्रता लाई जा सके। सराफा डकैती कांड में 5 सितंबर को मंगेश यादव का एनकाउंटर किया था। उसी दिन जिलाधिकारी लंभुआ विदुषी सिंह को मजिस्ट्रेटी जांज का आदेश दिया। उस दिन से अब तक जांच अधिकारी ने 10 सितंबर को घटना से संबंधित सभई अधिकारियों और मेडिकल ऑफिसर से घटना के बावत अभिलेख मांगे है।

बयान दर्ज कराने का आग्रह किया

बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया था। साथ ही अन्य जो भी बयान देना चाहते हो, उन्हें भी अपने न्यायालय और कार्यालय कक्ष में किसी भी कार्य दिवस में बयान दर्ज कराने का आग्रह किया है। उसके 1 सप्ताह बाद भी जांच में कोई प्रगति नहीं हो पाई है। ऐसे में जांच अधिकारी ने मंगलवार को एक बार फिर से सार्वजनिक तौर पर पुलिस अधीक्षक से अपील की है कि अपने स्तर पर अभिलेख-कागजात मुहैया कराने को लेकर निर्देश दिए है।

26 सितंबर से न्यायालय में मौजूद हो

वहीं मुख्य डॉक्टर अधिकारियों से कहा गया है कि मंगेश यादव के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उससे करने वाले डॉक्टरों को निर्देश दें कि वह उनके कार्यालय या न्यायालय में निश्चित तिथि 26 सितंबर के पहले ही उपस्थित हो जाए।


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