लखनऊ : यूपी के फतेहपुर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिले के थरियांव थाना इलाके सीतापुर गांव में 12 साल के एक बच्चे की हत्या के मामले में 77 दिनों बाद शव को कब्र से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। जिलाधिकारी के आदेश पर नायाब तहसीलदार के आदेशों पर आज सुरक्षाबलों की मौजूदगी में सचिन के शव को कब्र से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालांकि इस मामले में SO ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।
मां के साथ हुई बदतमीजी के खिलाफ बोलने पर ले ली जान
पीड़ित महिला का कहना है कि जून महीने में गांव का धन्नी मौर्या उसके साथ बदतमीजी किया था तो उसके बेटे ने इसका विरोध किया, इसपर उसने धमकी दी थी. इस मामले में पीड़ित महिला ने शिकायत भी थाने में की. मारपीट में जख्मी महिला ने SP को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की थी. जब महिला SP की चौखट से घर पहुंची जहां उसका बेटा घर में मरा हुआ मिला।
मां की दर्द सुन अधिकारी ने लिया फैसला
महिला का आरोप है कि उसके बेटे को मारकर लटका दिया गया, लेकिन उसके बाद उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने डीएम से गुहार लगाई और आरोप लगाया कि PM रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई है। यही नहीं महिला ने बताया कि किसी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी. जब महिला डीएम की चौखट पर पहुंची और गुहार लगाई तो डीएम ने एक मां का दर्द सुनकर नायाब तहसीलदार और थरियांव पुलिस को मौके पर भेजा और 77 दिन बाद शव को कब्र से निकलवाकर दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं महिला ने गांव के धन्नी मौर्य और उसके घर वालो पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है .
ग्रमीणों ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदला गया
बता दें कि परिजनों ने गांव में रहने वाले लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 12 जून को सचिन का शव सीतापुर प्रधान अनूप यादव के घर के सामने लटका हुआ मिला था. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया, लेकिन परिजनों ने विपक्षियों पर साजिश रचकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने का आरोप लगाते हुए डीएम से गुहार लगाई।