लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार दिए गए हैं। आज सजा का ऐलान किया जायेगा। कोर्ट ने इस मामले में धनंजय सिंह के अलावा उनके सहयोगी संतोष विक्रम को भी दोषी करार दिया है। धनंजय के ऊपर अपहरण और […]
लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार दिए गए हैं। आज सजा का ऐलान किया जायेगा। कोर्ट ने इस मामले में धनंजय सिंह के अलावा उनके सहयोगी संतोष विक्रम को भी दोषी करार दिया है। धनंजय के ऊपर अपहरण और रंगदारी मामले में मुक़दमा चल रहा था। बता दें कि धनंजय सिंह के खिलाफ अब तक 43 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें से 22 में वो दोषमुक्त हो चुके हैं, ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है।
कोर्ट ने धनंजय और संतोष विक्रम को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया है। मुजफ्फरनगर के रहने वाले अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइनबाजार में अपहरण, रंगदारी समेत अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभिनव सिंघल को गिरफ्तार कर पूर्व सांसद के आवास पर ले जाया गया और उनके साथ मारपीट की गई। साथ ही गंदी-गंदी गालियां देकर धमकाया गया।
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की क्राइम कुंडली काफी लंबी है। उसका आपराधिक इतिहास तीन दशक से ज्यादा का है। वर्ष 1991 से 2023 के बीच जौनपुर, लखनऊ और दिल्ली में उनके ऊपर 43 से अधिक मुकदमें दर्ज है। इनमें से 22 मामलों में वो दोषमुक्त कर दिए गए हैं। यह पहला मामला है जब धनंजय सिंह दोषी पाए गए हैं। साल 1991 में उनके ऊपर पहला मुकदमा दर्ज कराया गया था।
बता दें कि धनंजय सिंह जौनपुर से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। साल 2002 में 27 साल की उम्र में वो विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इसके बाद 2007 में जदयू के टिकट पर विधायक बने फिर बसपा में शामिल हो गए। 2009 लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट से जीत हासिल की।