लखनऊ: बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला अब देशभर में तूल पकड़ रहा है। पहली एफआईआर अतुल के भाई की शिकायत के बाद दर्ज की गई है. इस मामले में अतुल की पत्नी समेत परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.
अतुल ने लगाया था उत्पीड़न का आरोप
बता दें कि इस घटना में निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सुसाइड वीडियो में अतुल ने अपनी पत्नी, उनके परिवार के लोगों और एक जज पर उत्पीड़न, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
भारत में सभी कानून महिलाओं का पक्ष लेते हैं
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अतुल के भाई विकास कुमार ने कहा था, ‘मेरे भाई की पत्नी के उससे अलग होने के लगभग 8 महीने बाद, उसने तलाक का मामला दायर किया और मेरे भाई और हमारे पूरे परिवार के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत कई आरोप लगाए.” उन्होंने आगे कहा कि भारत में सभी कानून पुरुषों के बजाय महिलाओं का पक्ष लेते हैं और उनके भाई ने अपनी जान देने से पहले इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ी थी।
भाई से उनकी पत्नी ने मांगी थी 3 करोड़ रुपये
अतुल के भाई की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया कि, “दोनों की शादी 2019 में हुई थी और उनका एक बच्चा भी है. कुछ समय तक साथ रहने के बाद दोनों ने अलग होने का फैसला किया, जिसके बाद समझौते के तौर पर अतुल की पत्नी से 3 करोड़ रुपये की मांग की जा रही थी. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि अतुल की पत्नी ने अपने चार साल के बेटे से मिलने के लिए उससे 30 लाख रुपये की मांग की थी।
यूपी के रहने वाले थे अतुल
अतुल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और काम काज की वजह से वो बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में डॉल्फिनियम रेजीडेंसी में रह रहे थे। मरने से पहले उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ”मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा, क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं… उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं. मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है. अगर इतने सबूतों, तमाम डॉक्यूमेंट्स, मेरे बयान के बाद भी मेरे गुनहगारों को सजा नहीं मिलती है, तो मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना चाहिए.”