लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बदायूं (Badaun News) से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां बेटे की चाहत में एक पति ने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। इस सनसनीखेज मामले में बदायूं की अदालत ने एक गर्भवती पत्नी का पेट हंसिए से चीरने के आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक (एडीजीसी) मुनेंद्र पाल सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय (प्रथम) सौरभ सक्सेना ने गुरुवार को देर शाम पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा (Badaun News) सुनाई। साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने की स्थिति में उसे छह माह का कारावास और भुगतना पड़ेगा।
बेटा न होने को लेकर पत्नी को करता था प्रताड़ित
दरअसल, मुनेंद्र पाल सिंह ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव घोंचा निवासी गोलू ने 19 सितंबर 2020 को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी बहन अनीता की शादी शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी पन्नालाल (38 वर्ष) के साथ हुई थी।अनीता ने शादी के बाद पांच बेटियों को जन्म दिया। इसे लेकर उसका पति पन्नालाल उसे प्रताड़ित करता था और दूसरी शादी करने की धमकी भी देता था।
गर्भवती पत्नी का पेट हंसिए से चीर दिया
उन्होंने बताया कि घटना के वक्त अनीता (30 वर्ष) आठ महीने की गर्भवती थी। इसी बीच एक दिन पन्नालाल घर आया और अनीता से झगड़ा करने लगा। उसने अनीता से कहा कि तू लड़कियां ही पैदा करती है। इस बार तेरा पेट फाड़कर देखूंगा कि इसमें लड़का है या लड़की? इसके बाद पन्नालाल ने अनीता का पेट हंसिए से चीर दिया जिससे अनीता की आंतें बाहर आ गई और आठ माह के शिशु का गर्भपात हो गया। वहीं बाद में पता चला कि वह शिशु लड़का ही था।
जिसके बाद गंभीर हालत में अनीता को बरेली स्थित अस्पताल में भर्ती करा कर उसका इलाज कराया गया। वहीं गोलू की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना पूरी करने के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया और मामले में नियमित सुनवाई की गई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने पन्नालाल को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।