लखनऊ। यूपी की गाजियाबाद से पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है जिसके कारनामे हैरान कर देंगे। 25 साल के जिस युवक को गिरफ्तार किया है, उसका असली नाम अनस है। अनस केवल 10वीं क्लास तक ही पढ़ा है, लेकिन उसके कारनामे ऐसे है जो ग्रेजुएट लोग भी करने की नहीं सोच सकते हैं। दरअसल, अनस मलिक खुद को मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बताकर यूपी पुलिस से वीआईपी ट्रीटमेंट ले रहा था।
आयोग का अध्यक्ष बताकर करी ठगी
लोगों को अपना रौब दिखाने के लिए सफेद कपड़ों में फर्जी दस्तावेज लेकर भी घूमता था। बता दें कि गाजियाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस की गिरफ्त में अनस मलिक है। वह मूल रूप से मुरादाबाद का रहने वाला है। वह बेहद शातिर है। उसने अपने आपको मानव अधिकार न्याय आयोग का अध्यक्ष बताकर लोगों से ठगी की है। अनस ने दो दिवसीय दौरा बताकर हापुड़, अमरोहा, गाजियाबाद और नोएडा पुलिस से वीआईपी ट्रीटमेट लिया। अमरोहा में तो उसे पुलिस एस्कॉर्ट भी दी गई थी।
इन मामलों में किया गिरफ्तार
लेकिन जैसे ही गाजियाबाद डीएम के पास अनस मलिक का लेटर आया तो डीएम ने संबंधित थाना कवि नगर को लेटर फॉरवर्ड कर दिया। जांच के दौरान अनस नाम का कोई भी व्यक्ति मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष नहीं पाया गया। जिसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बीते दिन यूपी मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में खुद को पेश करने और राज्य के कई जिलों के अधिकारियों से सुरक्षा मांगने के आरोप में 25 साल के अनस को गिरफ्तार किया गया।
जांच में गलत पाया गया
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अनस मलिक, जो मुरादाबाद का स्थानीय निवासी है, ने 8 नवंबर को दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए गाजियाबाद, मुरादाबाद, अमरोहा और नोएडा के जिलाधिकारियों को “आधिकारिक” पत्र भेजकर प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा देने का अनुरोध किया था। जिसकी जांच की गई। जांच में पाया गया कि अनस ने अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।