लखनऊ: यूपी में बजट सत्र के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को विधानपरिषद में जमकर हंगामा हुआ। बजट सेसन के दौरान सीएम योगी ने विपक्षी दलों द्वारा दिए गए बयान पर निशाना साधा है। सीएम योगी ने एक बार फिर फ्लोर लैंग्वेज विवाद पर बयान दिया। उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी […]
लखनऊ: यूपी में बजट सत्र के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को विधानपरिषद में जमकर हंगामा हुआ। बजट सेसन के दौरान सीएम योगी ने विपक्षी दलों द्वारा दिए गए बयान पर निशाना साधा है। सीएम योगी ने एक बार फिर फ्लोर लैंग्वेज विवाद पर बयान दिया। उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है, उसे नहीं हटाया जा रहा है, ना ही किसी भाषा को थोपा जा रहा है। आपलोग बस उर्दू-उर्दू कर रहे हैं। हमने ‘फ्लोर लैंग्वेज’ में स्थानीय भाषाओं को विज्ञापन किया है, ताकि गांव में रहने वाले लोगों को बोलने/समझने में आसानी हो.
सीएम योगी ने विधानसभा में विपक्ष से कहा कि ध्यान देना यह उर्दू में नहीं है, यह शायरी हिंदी में है. वैसे भी सपा के संस्कार हैं, हर अच्छी चीज का विरोध करना. इनका दोहरा चरित्र जग जाहिर है. सीएम ने शायरी पढ़ी- “बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं…जिन्होंने रात को चुन-चुन के बस्तियों को लूटा वही अब बहारों की बात करते हैं.”
सीएम योगी ने सपा के सोशल मीडिया हैंडल की भाषा पर भी आपत्ति जताई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह किसी भी सभ्य समाज की भाषा नहीं हो सकती. उन्होंने यह भी कहा कि सपा नेता अकबर के किले के बारे में तो जानते हैं लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कूप के महत्व से अनजान हैं। ये है महाकुंभ और प्रयागराज के बारे में उनकी सामान्य ज्ञान . उन्होंने अपनी इच्छा का जिक्र करते हुए आगे कहा कि मेरी इच्छा थी कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान एक दिन हम बजट सत्र का आयोजन प्रयागराज में ही क्यों न करें, लेकिन मुझे पता था कि सपा इस पर आपत्ति जतायेगी। सपा किसी अच्छे काम का कभी समर्थन नहीं कर सकती है…