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शिल्पी और एलिना ने संभाला पीएम मोदी का सोशल मीडिया अकाउंट, शेयर की प्रेरणादायक कहानी

लखनऊ। पीएम मोदी ने आज महिला दिवस के मौके पर अपने सोशल मीडिया प्लेफॉर्म से देश की दो खास नारियों की फोटो शेयर की हैं। इनमें से एक नारी का नाम एलीन मिश्रा है तो वहीं दूसरी का नाम शिल्पी सोनी है। एलीना एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं। वहीं शिल्पी सोनी एक अतंरिक्ष वैज्ञानिक हैं। दोनों […]

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Shilpi and Elina inspiring story
  • March 8, 2025 6:52 am IST, Updated 5 days ago

लखनऊ। पीएम मोदी ने आज महिला दिवस के मौके पर अपने सोशल मीडिया प्लेफॉर्म से देश की दो खास नारियों की फोटो शेयर की हैं। इनमें से एक नारी का नाम एलीन मिश्रा है तो वहीं दूसरी का नाम शिल्पी सोनी है। एलीना एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं। वहीं शिल्पी सोनी एक अतंरिक्ष वैज्ञानिक हैं। दोनों ने महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी द्वारा उनके योगदान को याद करने के लिए धन्यवाद कहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संदेश साफ है कि भारत विज्ञान के लिए सबसे जीवंत स्थान है। इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसे आगे बढ़ाने का आह्वान करते हैं।

भारतीय महिला प्रतिभाशाली हैं

एलीना और शिल्पी अपने-अपने क्षेत्रों में अवसरों की व्यापक सीरीज को खुलते हुए देख रह हैं। यह एक अकल्पनीय था कि न्यूक्लियर प्रौद्योगिकी जैसा क्षेत्र में भारत में महिलाओं के लिए इतने सारे मौके प्रदान करेगा। इसी तरह अंतरिक्ष की दुनियां में और निजी क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीरदारी भारत को इनोवेशन और विकास के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक स्थान बनाती है। भारतीय महिलाओं में निश्चित रूप से प्रतिभाशाली है। भारत के पास निश्चित रूप से सही मंच है!

परिवार ने दिया सीखने का वातावरण

एलिना ने पीएम के एक्‍स पोस्‍ट पर लिखा, ‘मैं एलीना मिश्रा हूं। मैं भुवनेश्वर, ओडिशा की रहने वाली हूं। मैं एक ऐसे परिवार से हूं, जिसकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि मजबूत है और इसलिए, उन्होंने विज्ञान सीखने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया। विज्ञान के प्रति मेरी रुचि और जिज्ञासा मेरे पिता के कारण विकसित हुई, जो मेरे प्रेरणास्रोत हैं। जिन्हें मैंने अपने शोध के लिए अथक परिश्रम करते देखा है। वैज्ञानिक क्षेत्र में काम करने का मेरा सपना तब पूरा हुआ जब मेरा चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में हुआ। ’

शिल्पी के तरक्की की कहानी

इसी तर्ज पर शिल्पी सोनी ने कहा कि मैं मध्य प्रदेश के सागर से हूं। मैं बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से हूं, लेकिन मेरा परिवार हमेशा सीखने, इनोवेशन और संस्कृति के प्रति भावुक रहा है। डीआरडीओ में काम करने के बाद, इसरो के साथ काम करना एक सपने के सच होने जैसा था। जहां मैंने पिछले 24 सालों में इसरो के 35 से अधिक संचार और नेविगेशन मिशनों के लिए अत्याधुनिक आरएफ और माइक्रोवेव सबसिस्टम तकनीकों के डिजाइन, विकास और प्रेरण में योगदान दिया है।


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